जेआरडी टाटा: अनमोल 'रत्न’ ( 29 जुलाई 19०4-29 नवंबर 1993)
भारत रत्न ''जेआरडी टाटा’’ के नाम से कौन परिचित नहीं है। उद्योग जगत के इस सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति का जन्म आज ही के दिन 29 जुलाई 19०4 को हुआ था। जेआरडी टाटा वायुयान उद्योग के साथ-साथ अन्य उद्योगों के अग्रणी रहे हैं। आज टाटा ग्रुप दुनिया के प्रतिष्ठित औद्योगिक गु्रपों में से एक है। लगभग हर क्ष्ोत्र में ''टाटा गु्रप’’ ने अपनी उपस्थिति को दर्ज किया है। जेआरडी टाटा विमान चलाने में भी काफी रुचि रखते थ्ो। वह पहले ऐसे शख्स थ्ो, जिन्हें भारत में 1० फरवरी 1929 को जारी किया गया पहला ''पाइलट लाइसेंस’’ हासिल हुआ था। जेआरडी टाटा ने 1932 में भारत की पहली वाणिज्यिक एयरलाइन, ''टाटा एयरलाइंस’’ की स्थापना की, जो 1946 में भारत की राष्ट्रीय एयरलाइन, एयर इंडिया बनी। बाद में उन्हें भारतीय नागर विमानन के पिता के रूप में जाना जाने लगा।
''जेआरडी टाटा’’ का पूरा नाम ''जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा’’ है। वह रतनजी दादाभाई टाटा और उनकी फ्रांसीसी पत्नी सुज्ोन्न ब्रीरे के पांच संतानों में दूसरे नंबर पर थ्ो। वह कई दशकों तक ''टाटा गु्रप’’के चेयरनमैन रहे और उन्होंने इस्पात, इंजीनियरिंग, हॉस्पिटेलिटी, वायुयान और अन्य उद्योगों की स्थापना कर भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अपने इंजीनियरिंग कंपनी शुरू करने के सपने के तहत ही उन्होंने 1945 में ''टेल्को’’ जैसी कंपनी की शुरूआत की, जो मुख्य रूप से इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव के लिए थी। उद्योग जगत में उनके अग्रणी योगदान के लिए जेआरडी टाटा को 1955 में ''पद्म विभूषण’’ और 1992 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ''भारत रत्न’’ से सम्मानित किया गया।
जेआडी टाटा 1925 में एक अवैतनिक प्रशिक्षु के रूप में ''टाटा एंड संस’’ में शामिल हो गए थ्ो। आगे चलकर 1938 में उन्हें भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह टाटा एंड संस का अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद कई दशकों तक उन्होंने स्टील, इंजीनियरिंग, ऊर्जा, रसायन और हॉस्पिटेलिटी के क्ष्ोत्र में कार्यरत विशाल टाटा समूह के कंपनियों का नेतृत्व किया। उन्होंने औद्योगिक क्ष्ोत्र में सफलता और उच्च नैतिक मूल्यों के सर्वोच्च आयाम स्थापित किए। उनकी सफलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी अध्यक्षता में टाटा समूह की संपत्ति एक लाख डॉलर से बढ़कर 5 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई। उन्होंने 14 उद्योगों के साथ शुरूआत की थी और जब उन्होंने 26 जुलाई 1988 को अपना पद छोड़ा तो उस वक्त टाटा समूह 95 उद्योगों का विशाल समूह बन गया था। सभी जानते हैं कि टाटा कंसलटेंसी सर्विस (टीसीएस), पहले यह टाटा कम्प्यूटर सेंटर के नाम से प्रसिद्ध थी, यह कंपनी आज आईटी क्ष्ोत्र की दिग्गज कंपनी है, जिसकी स्थापना जेआरडी टाटा ने 1968 की थी। वहीं, टाटा स्टील की स्थापना 1979 में की थी। आज दोनों कंपनियां अपनी-अपनी क्ष्ोत्र की सबसे दिग्गज कंपनियों में शुमार हैं।
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do not want India to be an economic superpower. I want India to be a happy
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JRD Tata
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ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी टाटा गु्रप का कोई सानी नहीं है। टाटा मोटर्स हर तरह के वाहन निर्माण में लगी हुई है। टाटा मोटर्स की स्थापना भी जेआरडी टाटा ने ही 1945 में की थी। इसके बाद 1948 में उन्होंने भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन के रूप में एयर इंडिया इंटरनेशनल का शुभारंभ किया। 1953 में उन्हें भारत सरकार ने एयर इंडिया का अध्यक्ष और इंडियन एयरलाइंस के बोर्ड का निदेशक नियुक्त किया। वह इस पद पर 25 वर्षों तक बने रहे। जिस प्रकार गु्रप ने नए-नए क्ष्ोत्र में पैर जमाए, उसी अनुरूप उन्होंने श्रमिकों व कर्मचारियों के हित में तमाम बड़े कदम उठाए। कर्मचारियों के हित में कई नीतियां बनाई गईं, जिसमें 1956 में गु्रप ने प्रबंधन के साथ-साथ कर्मचारी एसोसिएशन कार्यक्रम की शुरूआत की और उनके लिए प्रतिदिन आठ घंटे काम, नि:शुल्क चिकित्सा सहायता, कामगार दुर्घटना क्षतिपूर्ति जैसी योजनाओं को अपनाया।
शुरूआत से ही सामाजिक क्ष्ोत्र में भी टाटा ग्रुप का बड़ा योगदान रहा है। सामाजिक क्ष्ोत्र की कई संस्थाएं गु्रप के नेतृत्व संचालित होती रही हैं। इन संस्थानों ने राष्ट्रीय विकास में काफी योगदान दिया है। इन संस्थानों में मुख्य रूप से टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) की स्थापना 1936 में की गई थी, जबकि टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान(टीआईएफआर) की स्थापना 1945 में की गई थी। इसके अलावा एशिया का पहला कैंसर अस्तपाल, टाटा मैमोरियल सेंटर और प्रदर्शन कला के लिए राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना भी सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट द्बारा की गई है।
जेआरडी टाटा को कई पुरस्कार भी हासिल हुए। ''भारतीय वायुसेना’’ ने उन्हें गु्रप कैप्टन के मानद पद से सम्मानित किया था और बाद में एयर कमोडोर पद पर पदोन्नत भी किया। इसके बाद 9 अप्रैल 1974 को उन्हें एयर मार्शल का पद दिया गया। अगर, विमानन क्ष्ोत्र में पुरस्कार की बात करें तो उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हुए। 1955 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जबकि 1992 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इस अनमोल र‘ का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 29 नवंबर 1993 को गुर्दे में संक्रमण की वजह से जिनेवा में उनका निधन हुआ। उनकी मृत्यु पर भारतीय संसद को उनकी स्मृति पर स्थगित कर दिया गया था। उनको ''पेरिस’’ में पेरे लेचसे नामक कब्रिस्तान में दफनाया गया।
जेआरडी टाटा’’ के जीवन पर एक नजर
29 जुलाई 19०4 को पेरिस में हुआ जन्म।
1925 को एक अवैतनिक प्रशिक्षु के रूप में टाटा एंड संस गु्रप में हुए शामिल।
1938 में महज 34 साल की उम्र में जेआरडी टाटा को चुना गया ''टाटा एंड संस गु्रप’’ का अध्यक्ष।
1929 में 1० फरवरी को उन्हें भारत में जारी किया गया पहला ''पायलट लाइसेंस’’ हुआ प्रा’।
1932 में जेआरडी टाटा ने की ''टाटा एयरलाइंस’’ की शुरूआत।
1936 में टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान(टीआईएसएस) की स्थापना की।
1941 में ''टाटा मैमोरियल सेंटर फॉर कैंसर रिसर्च एंड ट्रीटमेंट’’ की स्थापना की।
1945 में किया ''टेल्को’’ कंपनी का शुभारंभ।
1948 में जेआरडी टाटा ने किया भारत की पहली एयरलाइन के रूप में ''एयर इंडिया इंटरनेशनल’’ का शुभारंभ।
1953 में भारत सरकार ने उन्हें चुना एयर इंडिया का अध्यक्ष और ''इंडियन एयरलाइंस’’ के बोर्ड का निदेशक।
1954 में फ्रांस ने जेआरडी टाटा को अपने सर्वोच्च नागरिकता पुरस्कार ''लीजन ऑफ द ऑनर’’ से नवाजा।
1955 में भारत सरकार ने ''पद्म विभूषण’’ से किया सम्मानित।
1968 में की ''टाटा कंप्यूटर सेंटर’’ की स्थापना, जो आज ''टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज’’ के नाम से जानी जाती है।
1979 में की ''टाटा स्टील’’ की स्थापना।
1988 में 26 जुलाई को उन्होंने छोड़ा टाटा समूह के अध्यक्ष का पद।
1992 में उन्हें भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ''भारत रत्न’’ से किया सम्मानित।
1992 संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत में जनसंख्या नियंत्रण में अहम योगदान देने के लिए उन्हें ''यूनाइटेड नेशन पापुलेशन अवॉर्ड’’ से किया गया सम्मानित।
1993 में 29 नवंबर को जिनेवा में हुआ निधन।
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