आईपीएस: साख पर 'सवाल’ 119 out of 122 IPS officers fail in exam for graduation.
'प्रशासनिक’ और 'लॉ-इन-ऑर्डर’ की बात आती है तो सबके जेहन में यह बात जरूरी आती है कि इसकी जिम्मेदारी 'अखिल भारतीय परीक्षा’ पास करके आने वाले अधिकारियों के पास होती है, लेकिन जब इन स्तरों पर भी ट्रेंड या काबिल अफसर न हों तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासनिक कार्यों व लॉ-इन-ऑर्डर की क्या स्थिति होगी। ऐसे मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं। जब कहीं, दंगे, फसाद और 'आपराधिक घटनाएं’ बढ़ती हैं तो निश्चित ही पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही व नाकाबिलियत सामने आती है।
इसी तरह की एक बानगी 'हैदराबाद पुलिस एकेडमी’ के नतीजों से भी समझी जा सकती है। सब जानते हैं कि 'भारतीय पुलिस सेवा’ में बहुत काबिल युवा चुने जाते हैं। इसके बाद भी इन्हें सेवा देने के लिए परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा में पहुंचे 122 प्रशिक्षु अफसरों में से 119 अफसर फेल हो गए। मजे की बात यह है कि यह एकेडमी में पहला मौका है, जब इस तरह के परिणाम सामने आए हैं। यहां बता दें कि हैदराबाद स्थित 'सरदार बल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी’ से ग्रेजुएशन के दौरान इन अफसरों का इस परीक्षा में पास होना जरूरी होता है, चूंकि उन्हें तीन मौके दिए जाते हैं। यहां सवाल तीन मौकों का नहीं है, बल्कि पुलिस सर्विस पास करने के बाद अगर अफसर यह जरूरी परीक्षा पास नहीं कर पाए तो इसका अर्थ क्या लगाया जा सकता है। यहीं ना कि सर्विस पास होने के बाद अफसर कितने लापरवाह हो जाते हैं, उन्हें बस सर्विस में जाने की धुन रहती है, उसके बाद की जिम्मेदारियों को वो हल्के में लेने लगते हैं। लिहाजा, पुलिस-प्रशासन की जो मजबूत कड़ी होनी चाहिए, वह कमजोर होती जाती है।
अगर, एकेडमी के इतिहास में इस तरह का परिणाम पहली बार आया है तो निश्चित ही यह अंदाजा भी लगाना आसान हो जाता है कि पहले के मुकाबले वर्तमान समय में अफसरों के बीच कार्य के प्रति कितनी गंभीरता बची रह गई है। इससे तो एक बात जरूर समझ में आती है कि पुलिस सेवा में जाने वाले अफसरों का स्तर क्या रह गया है। जिस प्रकार पुलिस सेवा में आने वाले अफसरों में संवेदनशीलता की कमी देखने को मिल रही है, उससे पुलिस पर लोगों का भरोसा बहुत कम हुआ है। अगर, भरोसे को दोबारा कायम करना है तो पुलिस सेवा में आने वाले अफसरों को सेवा में जाने की दिलचस्पी के साथ-साथ काम के प्रति भी दिलचस्पी दिखानी होगी।
अलग-अलग कॉडरों में बनाया प्रोबेशनर
-जरूरी सेवा पास करने के लिए आयोजित परीक्षा का खराब परिणाम आने के बाद भी संबंधित अफसरों को ग्रेजुएट घोषित कर दिया गया है, लेकिन इतना भी तय है कि तीन प्रयासों में हर विषय को पास नहीं कर पाने की स्थिति में उन्हें सेवा से बाहर भी किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2०16 में दो आईपीएस अफसर एकेडमी से पास नहीं हो सके थ्ो। इस बार फेल होने वाले अफसरों में वे अफसर शामिल हैं, जिन्हें गत अक्टूबर में हुई पासिंग आउट परेड में मेडल और ट्रॉफी मिले थ्ो।
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