पेशवर और आधुनिकतम सुरक्षा बल है एसपीजी। spg Security in hindi
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Special Protection Group (SPG) अमेंडमेंट बिल को मंजूरी
बुधवार 27 नवंबर 2०19 को जोरदार बहस के बाद लोकसभा में SPG अमेंडमेंट बिल को मंजूरी दे दी गई। इसको लेकर कई दिनों से राजनीतिक घमासान मचा हुआ था। विपक्षी जहां बीजेपी सरकार पर बदले की भावना से गांधी परिवार की SPG सुरक्षा हटाने का आरोप लगा रहे थे, वहीं सरकार ने इसे गलत बताया। सरकार की तरफ से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एसपीजी प्रोटेक्शन सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके परिवार के उन सदस्यों को, जो प्रधानमंत्री आवास में उनके साथ रहते हैं, मिलेगी। इससे पहले सिर्फ एक परिवार को ध्यान में रखकर एसपीजी नियमों में बदलाव किया गया। पहली बार अब प्रधानमंत्री की सुरक्षा को ध्यान में रखकर इसमें बदलाव किया गया है। एसपीजी प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए है, इसका स्टे्टस सिंबल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। मोदी सरकार से पहले भी एसपीजी सुरक्षा के नियमों में तब्दीलियां हुईं हैं। पूर्व प्रधानमंत्रियों ने करीब पांच बार एसपीजी के नियमों में बदलाव किया था।
क्या है स्पेशल प्रोटेक्शन गुुप (एसपीजी)
विशेष सुरक्षा दल यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) संघ का एक विशेष सुरक्षा बल है। एसपीजी के जवानों की कार्यकुशलता और क्षमता को अमेरिकी प्रेसिडेंट के सुरक्षा गार्ड के बराबर माना जाता है। जिस पर भारत के प्रधानमंत्री, उनके परिवार, पूर्व प्रधानमंत्रियों, पूर्व प्रेसिडेंट की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। गांधी परिवार की सुरक्षा में भी एसपीजी तैनात थी, लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार ने उनकी सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह और गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा को खत्म कर दिया है और उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मुहैया करा दी गई है। यह विशेष सुरक्षा बल सीधे तौर पर केंद्र सरकार के मंत्रीमंडलीय सचिवालय के अधीन आती है और आईबी के अंतर्गत उसके एक विभाग के रूप में कार्य करती है। भारतीय प्रधानमंत्री पर हर पल मंडराने वाले आत्मघाती संकट को देखते हुए उनकी सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण होती है। इसीलिए उनकी सुरक्षा एसपीजी के हवाले होती है।
पेशेवर और आधुनिकतम सुरक्षा बल है एसपीजी
एसपीजी देश की सबसे अधिक पेशेवर और आधुनिकतम सुरक्षा बलों में से एक है। एसपीजी के जवान प्रधानमंत्री को 24 घंटे एक खास सुरक्षा घेरा प्रदान करते हैं और पीएम की अंगरक्षा अनुरक्षण एवं उनके आवासों, विमानों और वाहनों की सुरक्षा के साथ-साथ खास जांच मुहैया करती है। जवानों को सुरक्षा, अंगरक्षा, अनुरक्षण व अनुरक्षणिक जांच के लिए विशेष, पेशेवर प्रशिक्षण, उपकरण और पोशाक दी जाती है और उनका अनुशासन बहुत ही सख्त और सु.ढ़ होता है।
किसी भी हमले से प्रदान करती है सुरक्षा
एसपीजी के जवानों पर देश के किसी भी हिस्से में विदेश दौरों पर किसी भी हमले से पीएम की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी होती है। इसीलिए एसपीजी के जवान पीएम की अंगरक्षा के अलावा उनके आवास, कार्यालय आदि की सुरक्षा भी करते हैं। इसके अलावा एसपीजी के जवान प्रधानमंत्री के परिवार व पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार की सुरक्षा पद छोड़ने के एक साल बाद तक भी करते हैं।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ एसपीजी का गठन
तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री की अंगरक्षा के लिए एक विशेष सुरक्षा दल की आवश्यकता की जरूरत महसूस हुई थी। इसके बाद 1988 में एसपीजी को आईबी की एक विशेष अंग के रूप में सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत एक सुरक्षा टुकड़ी के रूप में गठित किया गया था। एसपीजी के गठन से पूर्व एनसीआर में प्रधानमंत्री की सुरक्षा दि“ी पुलिस के एक विशेष अंग के तहत थी। इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात् विेशेष सुरक्षा दल को एक स्वतंत्र निर्देष के अंतर्गत स्थापित किया गया था, जो कि एनसीआर, देश तथा विश्व के हर कोने में, जहां भी प्रधानमंत्री का दौरा है, वहां उनको पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है। एसपीजी यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप का आदर्श वाक्य शौर्यम् समर्पणम् सुरक्षणम् है। इसकी स्थापना 2 जून 1988 को हुई थी। एसपीजी का सालाना बजट 4०8.98 करोड़ यानि 59.71 मिलियन है।
अलग नहीं होते एसपीजी जवान
एसपीजी के जवान कोई अलग नहीं होते हैं, बल्कि इसके जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिटरी फोर्स जैसे बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और सीआरपीएफ से किया जाता है। एसपीजी के प्रमुख का पद तीन साल के लिए निश्चित कार्यकाल के लिए बनाया गया है। एसपीजी फोर्स कैबिनेट सचिवालय के तहत काम करती है। इसका प्रमुख डायरेक्टर रैंक का आईपीएस अधिकारी होता है। एसपीजी का मुख्यालय पीएम हाउस में ही होता है।
बेहद खास चीजों से होते हैं लैस एसपीजी जवान
एसपीजी के जवान खास चीजों से लैस होते हैं, जिससे सुरक्षा में कोई खामी न रहे। इसके कमांडो ऑटोमेटिक गन-एफएनएफ-2००० असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं। उनके पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल होती है। इसके जवान एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहनते हैं। इसके अलावा एसपीजी के जवान हाई ग्रेड बुलेटप्रूफ वेस्ट पहने होते हैं, जो लेवल-थ्री केवलर की होती है, जिसका वजन 2.2 किग्रा होता है और यह 1० मीटर दूर से एके-47 से चलाई गई 7.62 कैलिबर की गोली को झेल सकती है। एसपीजी के जवान साथी कमांडो से बात करने के लिए कान में लगे ईयर प्लग या फिर वॉकी-टॉकी का भी सहारा लेते हैं। यहां तक कि इनके जूते भी काफी अलग किस्म के होते है, जिससे ये किसी भी तरह की जमीन पर नहीं फिसलते हैं। वहीं, ये जवान खास तरह के दस्ताने भी पहनते हैं, जिससे किसी भी तरह के चोट से इनका बचाव होता है। ये चश्मा भी पहनते हैं, जो उनकी आंखों को हमले से बचाते हैं और किसी भी प्रकार का डिस्टै्क्शन नहीं होने देता है।
एसपीजी जवानों का प्रशिक्षण
एसपीजी के जवान काफी प्रोफेशनल होते हैं। इसके लिए एसपीजी जवानों को वर्ल्ड क्लाश प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। बकायदा, इन्हें वहीं प्रशिक्षण दिया जाता है, जो युनाइटेड स्टेट सीक्रेट सर्विस एजेंट्स को दी जाती है। हमले की सूरत में सेकंड कार्डन की जिम्मेदारी यह होती है कि वह प्रधानमंत्री के चारों ओर घेरा बनाकर खड़े जवानों को सिक्योरिटी कवर दें ताकि प्रधानमंत्री को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
पीएम काफिले में होती हैं एक दर्जन गाड़ियां
एसपीजी के जवानों के साथ प्रधानमंत्री के काफिले में एक दर्जन गाड़ियां होती हैं, जिसमें बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की सिडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स 3 और एक मर्सिडीज बेंज होती है। इसके अतिरिक्त मर्सिडीज बेंज ऐंबुलेंस, टाटा सफारी जैमर भी इस काफिले में शामिल होती है।
इसीलिए हटाई गांधी परिवार की सुरक्षा
गांधी परिवार के सदस्य कई बार बिना एसपीजी को सूचना दिए ही विदेश यात्राओं में गए। मोदी सरकार की तरफ से बताया गया कि करीब 6०० बार ऐसा हुआ। 2०15 में राहुल गांधी ने एसपीजी को बताए बिना ही देश के अंदर 1892 बार और विदेशों में बिना एसपीजी को बताए करीब 247 बार यात्राएं की हैं। केंद्र सरकार ने समीक्षा के बाद पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह व गांधी परिवार की सुरक्षा हटा दी और जेड प्लस सुरक्षा मुहैया करा दी गई।
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