इस वर्ष 25 फीसदी बढ़ी धान की खरीद I Paddy purchase increased by 25 percent this year
भले ही, सरकार के खिलाफ किसानों का आंदोलन कई दिनों से चल रहा हो, पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के क्रियान्वयन को लेकर सरकार गंभीर दिख रही है। इसका पता धान की खरीद के बढ़े हुए आकड़ों चलता है। दरअसल, धान की खरीद में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार
25.28 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई है, जो किसानों के लिए राहत की बात है। वर्तमान खरीफ विपणन सीजन यानि केएमएस 2020-21 के तहत भी सरकार ने अपनी मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) योजनाओं के अनुसार किसानों से एमएसपी पर खरीफ 2020-21 फसलों की खरीद जारी रखी है, हालांकि ऐसा पहले भी किया जाता रहा है, पर इस बार खरीद में बढ़ोतरी होने से किसानों के चेहरों पर खुशी लकीरें हैं। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों व केंद्र-शासित प्रदेशों में सुचारू रूप से चल रही है।
उनका कहना है कि इस बार
500 लाख मीट्रिक टन के आसपास धान की खरीद की जा चुकी है, जो पिछले करीब 350 लाख मीट्रिक टन के आसपास था, इस लिहाज से इस बार खरीद में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिस प्रकार अभी खरीद जारी रखी गई है, उसमें और भी वृद्घि होने की पूरी उम्मीद है। खरीद के मामले में पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य आगे हैं। वहीं, खरीफ विपणन सीजन 2020 के लिए तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 52 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद के लिए मंजूरी दी गई थी और आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों के लिए बारहमासी फसल की भी 1.23 लाख मीट्रिक टन की खरीद को भी मंजूरी दी गई, पर ऐसा लगता है कि आकड़ों के तहत ही इसकी भी खरीदारी होने की उम्मीद है। एमएसपी मूल्य वाली मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की 226258.29 मीट्रिक टन की खरीद की जा चुकी है, जिससे तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के 123019 किसान लाभान्वित हुए हैं। मंत्रालय के मुताबिक सरकार किसानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है। उन्हें समर्थन मूल्य को पूरा फायदा मिलेगा, इसको लेकर सरकार पूरी तरह प्रतिबद्घ है।
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