इस साल 245 बिलियन डॉलर के आकड़े को छू लेगा भारतीय प्रौद्धोगिकी उद्धोग
नई दिल्ली। प्रौद्धोगिकी उद्धोग में विपरीत स्थितियों के बाद भी भारतीय प्रौद्धोगिकी उद्धोग तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष में भारतीय प्रौद्धोगिकी उद्धोग के 245 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाने की उम्मीद है। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र में लाखों की संख्या में जॉब सृजित होने का अनुमान भी लगाया गया है। नैसकॉम की रणनीतिक समीक्षा-2023 में इस बात का अनुमान लगाया गया है।
दरअसल, यूएस में प्रौद्धोगिकी क्षेत्र में डॉउन फॉल देखा जा रहा है। दीगार बात है कि यूएस का असर पूरी दुनिया में देखा जाता है, लेकिन यूएस के प्रौद्धोगिकी सेक्टर में मंदी के बाद भी भारत के प्रौद्धोगिकी सेक्टर में तेजी देखा जाना, अपने-आप में काफी महत्वपूर्ण है, जहां यूएस में बड़ी संख्या में जॉब्स गईं, वहीं भारत के प्रौद्धोगिकी सेक्टर ने बड़ी संख्या में जॉब भी सृजित हुए।
नैसकॉम की रणनीतिक समीक्षा में इस बात का स्पष्ट अनुमान लगाया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में वैश्विक स्तर पर विपरीत स्थितियों के बाद भी भारतीय प्रौद्धोगिकी सेक्टर में स्थिरता बनी रहेगी और विकास दर दहाई के आकड़े के साथ आगे बढ़ेगी। इस वर्ष राजस्व में लगभग 19 बिलियन डॉलर की अनुमानित वृद्धि की उम्मीद है, जिस तरह पिछले वित्तीय वर्ष में आईटी सेवाओं, बीपीएम, सॉफ्टवेयर उत्पादों, ईआरएंडडी और घरेलू बाजार में वृद्धि देखी गई है, इस साल भी इन क्षेत्रों में वृद्धि बनी रहेगी। निर्यात में 2022 के मुकाबले 2023 में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी।
नैसकॉम के चेयरपर्सन कृष्णन रामानुजम के अनुसार, “वित्त वर्ष 2023-24 देश और सभी हितधारकों के लिए प्रभाव पैदा करने वाले उद्योग के लिए एक और विकास वर्ष बनेगा, जिस तरह 2022 रहा। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर विपरीत परिस्थितियों और मांग के बाद भी भारत में इस उद्योग ने प्रमुख और उभरते क्षेत्रों में अपने नेतृत्व को मजबूत करने में सक्षमता का प्रदर्शन किया है। श्री रामानुजम के अनुसार, बड़े पैमाने पर डिजिटल बुनियादी ढांचे ने भी भारत के घरेलू तकनीक को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उभरती प्रौद्योगिकियों में सरकार और उद्यमों द्वारा निरंतर निवेश के साथ, भारत का घरेलू क्षेत्र एक महान प्रणोदक के रूप में उभरा।
वैश्विक प्रतिभा केंद्र के रूप में भारतीय उद्योग 5.4 मिलियन से अधिक कार्यबल के साथ शुद्ध नियोक्ता बना हुआ है, वित्त वर्ष 2023-24 में 290,000 नए रोजगार सृजित करेगा। 36% डिजिटल रूप से कुशल कार्यबल के साथ, एआई कौशल प्रवेश के मामले में उद्योग शीर्ष पर बना हुआ है। क्लाउड पेशेवरों की स्थापित आपूर्ति के मामले में एआई/एमएल बीडीए टैलेंट पूल के मामले में दूसरा सबसे बड़ा और विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है। कुल 20 लाख महिला कर्मचारियों के साथ, उद्योग कार्यस्थल में विविधता लाने पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है। श्री रामानुजम के अनुसार, वर्ष के दौरान 140k से अधिक महिला कर्मचारियों की शुद्ध वृद्धि दर्ज करेगा।
नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा, "आज हम जिस असामान्य माहौल में रह रहे हैं, उसमें उद्योग का ध्यान विकास के लिए निवेश पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि पहुंच, गोपनीयता, सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए दूरदर्शी नीतियों, मजबूत शासन, प्रतिभा और डिजिटल विश्वास से प्रेरित, भारत में प्रौद्धोगिकी उद्योग 2030 तक 500 अरब डॉलर की वृद्धि को गति देने के रास्ते पर है।
प्रौद्धोगिकी उद्योग के लिए विकास चालक हाल के वर्षों में, भारत डीपटेक नवाचार क्षमताओं और अनुसंधान एवं विकास के लिए एक वैश्विक पावरहाउस के रूप में उभरा है और वैश्विक उद्यमों के लिए भविष्य के विकास और नवाचार की शुरुआत करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) का भारत को इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाने में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है।
उभरते स्टार्टअप परिदृश्य अनिश्चितताओं से ऊपर उठकर भारतीय प्रौद्धोगिकी स्टार्टअप्स ने व्यवसाय के मूल सिद्धांतों और शासन को मजबूत करने पर भरपूर ध्यान केंद्रित किया। भारत ने 2022 में 1,300+ नए स्टार्ट-अप और 23 नए यूनिकॉर्न जोड़े। भारत में डीपटेक स्टार्टअप के लिए एक हॉटबेड के रूप में भी उभरा है, वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 3,000+ तक पहुंच गया है, जिसमें 485+ आविष्कारशील डीपटेक स्टार्ट-अप अभिनव समाधान विकसित कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में भी इसी तरह की वृद्धि बने रहने का अनुमान है। मैकिन्से सीआईओ सर्वेक्षण के अनुसार, 75% सीआईओ उम्मीद करते हैं कि बदलते व्यापक आर्थिक परिवेश के अनुसार विकसित प्राथमिकताओं के साथ डिजिटल पर खर्च जारी रहेगा। खरीदार की बदलती प्राथमिकताओं के साथ, तकनीकी सेवा प्रदाता तेजी से डोमेन विशेषज्ञता और प्रभाव-आधारित वाणिज्यिक व्यवस्था लाने पर ध्यान देने के साथ ही विक्रेताओं पर परिवर्तनकारी भागीदार बन रहे हैं।
इस 'नो नॉर्मल' वातावरण में उद्योग की प्राथमिकताओं को परिदृश्य नियोजन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी, जो सभी विभिन्न मापदंडों को ट्रैक करता है, प्रदाता से डिजिटल परिवर्तन भागीदार में बदलाव, डिजिटल क्षमताओं में निवेश और उभरती हुई तकनीक, सीखने और अपस्किलिंग पर ध्यान केंद्रित करने और मूल्य का निर्माण करने पर विश्वास, समावेश और स्थिरता बनाए रखेगा।
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