जल जीवन मिशन : 12 करोड़ नल जल कनेक्शनों की उपलब्धि हासिल की
नई दिल्ली। आजादी के अमृत काल के तहत जल जीवन मिशन (जेजेएम), देश के 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने की एक नई उपलब्धि का जश्न मना रहा है। 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जेजेएम के लॉन्च की घोषणा के समय, गांवों में केवल 3.23 करोड़ (16.64%) घरों में पाइप से पानी का कनेक्शन उपलब्ध था।
जल जीवन मिशन से जुड़े तथ्य
- 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जेजेएम के लॉन्च की घोषणा की गई।
- घोषणा के समय देश गांवों में केवल 3.23 करोड़ (16.64%) घरों में ही पाइप से पानी का कनेक्शन उपलब्ध था।
- 19 करोड़ 45 लाख 02 हजार 128 घर पाइप से पानी के कनेक्शन की सुविधा से वंचित थे।
- वर्तमान समय तक 12 करोड़ 06 लाख 65 हजार 838 (64.04 प्रतिशत) नल जल कनेक्शनों की उपलब्धि हासिल कर ली गई है।
- पूरे देश भर में 9.06 लाख स्कूलों और 9.39 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में नल का पानी उपलब्ध कराया गया।
- चालू वर्ष में जनवरी से मार्च 2023 तक जल जीवन मिशन के तहत प्रति सेकंड एक नल कनेक्शन प्रदान किया गया है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जिसमें वर्ष 2023 के पहले तीन महीनों के दौरान प्रतिदिन औसत रूप से 86,894 नए नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।
- जल जीवन मिशन की समग्र वित्तीय प्रतिबद्धता 3600 बिलियन (43.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर) रूपये है, जो इसे विश्व का एक सबसे बड़ा कल्याणकारी कार्यक्रम बनाती है।
- जल जीवन मिशन के तहत आर्सेनिक/फ्लोराइड संदूषण वाली 22,016 बस्तियों में अब सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है।
- अब की तारीख तक देश के 5 राज्य (गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात और पंजाब) और 3 केंद्र शासित प्रदेश (पुडुचेरी, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह) ने जल जीवन मिशन के तहत पाइप से जल मुहैया कराने की 100% कवरेज हासिल कर ली है।
- गोवा, हरियाणा, पंजाब, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव 'हर घर जल प्रमाणित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं। यानि कि इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में, ग्रामीणों ने ग्राम सभाओं के माध्यम से पुष्टि की है कि गांव में 'सभी घर और सार्वजनिक संस्थान को पर्याप्त, सुरक्षित और नियमित जल आपूर्ति हो रही है।
- हिमाचल प्रदेश 98.35% पर तथा बिहार 96.05% पर है, जो निकट भविष्य में 100 प्रतिशत कवरेज करने की दहलीज पर खड़े हैं।
- देश में 9.06 लाख (88.55%) स्कूलों और 9.39 लाख (84%) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल से जल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित हो चुकी है।
- देश के 112 आकांक्षी जिलों में, मिशन के लॉन्च के समय, केवल 21.64 लाख (7.84%) घरों में नल का पानी उपलब्ध था, जो अब बढ़कर 1.67 करोड़ (60.51%) हो गया है।
- तेलंगाना से तीन आकांक्षी जिले (कोमाराम भीम आसिफाबाद, जयशंकर भूपलपल्ली और भद्रब्री कोठागुडेम), गुजरात के दो जिले (दाहोद और नर्मदा) और पंजाब (मोगा और फिरोजपुर) और हरियाणा (मेवात) और हिमाचल प्रदेश (चंबा) में एक-एक जिले ने 100% नल जल कवरेज की सूचना दी है। कार्यान्वयन की गति को और तेज करने के लिए भारत सरकार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में लगातार काम कर रही है।
- योजनाओं में दीर्घकालिक स्थिरता प्राप्त करने के लिए ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं से जुड़ी योजना, इसके कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) के केंद्र में शुरुआत से ही सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की गयी है।
- देश में 5.24 लाख से अधिक ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी)/पानी समितियों का गठन किया गया है और 5.12 लाख ग्रामीण कार्य योजनाएं (वीएपी) तैयार की गई हैं, जिसमें पेयजल स्रोत वृद्धि, ग्रेवाटर उपचार और इसके पुन: उपयोग, और गांव में जल आपूर्ति प्रणालियों का नियमित संचालन और रखरखाव आदि योजनाएं शामिल हैं।
- जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, 22,016 बस्तियां (आर्सेनिक-14,020, फ्लोराइड-7,996), जिनकी 1.79 करोड़ आबादी (आर्सेनिक-1.19 करोड़, फ्लोराइड-0.59 करोड़) पेयजल स्रोतों में आर्सेनिक/फ्लोराइड संदूषण से प्रभावित थीं। जैसा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बताया गया है, अब सभी आर्सेनिक/फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है।
- जल जीवन मिशन के तहत "सुरक्षित पानी की आपूर्ति" मुख्य विचारणीय विषय रहा है। जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय देश में 14,020 आर्सेनिक और 7,996 फ्लोराइड से प्रभावित बस्तियां मौजूद थीं। राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के द्वारा किए गए ठोस प्रयासों के कारण जल जीवन मिशन की शुरूआत के बाद तीन वर्षों की छोटी अवधि में ही ऐसी बस्तियों की संख्या घटकर क्रमशः 612 और 431 रह गई है। इन बस्तियों में भी अब सभी लोगों के लिए पीने और खाना पकाने के लिए सुरक्षित जल उपलब्ध हो रहा है। वास्तव में, आर्सेनिक या फ्लोराइड से प्रभावित बस्तियों में रहने वाले सभी 1.79 करोड़ लोगों को अब पीने और खाना पकाने के लिए सुरक्षित पानी उपलब्ध हो रहा है।
- अब 2,078 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं विकसित की गई हैं, जिनमें से 1,122 एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं। पानी की गुणवत्ता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करके जल के नमूनों के परीक्षण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 21 लाख से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। वर्ष 2022-23 में, एफटीके के माध्यम से 1.03 करोड़ जल नमूनों का परीक्षण किया गया है और प्रयोगशालाओं के माध्यम से 61 लाख जल नमूनों का परीक्षण किया गया है। मिशन द्वारा एक विशेष 'स्वच्छ जल से सुरक्षा' अभियान शुरू किया गया था और वर्ष 2022-23 के दौरान 5.33 लाख गांवों में रासायनिक और 4.28 लाख गांवों में जैविक अपमिश्रण (मानसून के बाद) के लिए जल गुणवत्ता परीक्षण होने की जानकारी दी गई है।
- सरकार की जल गुणवत्ता निगरानी प्रयासों की ताकत का इस तथ्य से प्रमाण मिलता है कि अकेले 2022-23 में 1.64 करोड़ से अधिक जल नमूनों का परीक्षण किया गया है जो वर्ष 2018-19 (50 लाख) में परीक्षण किए गए नमूनों की संख्या की तुलना में तीन गुना से भी अधिक है। इन प्रयासों से देश में जल जनित रोगों के मामलों में महत्वपूर्ण कमी होने की संभावना है।
- सटीक दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए, जल जीवन मिशन को विकेंद्रीकृत, मांग जनित समुदाय-प्रबंधित कार्यक्रम के रूप में लागू किया जा रहा है। जल जीवन मिशन के तहत 5.24 लाख से अधिक पानी समितियां/ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) का गठन किया गया हैं और 5.12 लाख से अधिक ग्राम कार्य योजना तैयार की गई है ताकि गांव में जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे का प्रबंधन, संचालन और रखरखाव किया जा सके।
- लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और ग्रामीण समुदायों के एक साथ मिलकर सक्रिय भागीदारी से जल जीवन मिशन वास्तव में एक 'जन आंदोलन' बन गया है। दीर्घकालिक पेयजल सुरक्षा के लिए स्थानीय समुदाय और ग्राम पंचायतें आगे आ रही हैं और ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणालियों, अपने जल संसाधनों और ग्रे वाटर के प्रबंधन संबंधी जिम्मेदारियां ले रही हैं।
- जल जीवन मिशन को लागू करने की गति और उसका पैमाना अभूतपूर्व रहा है। केवल 3 वर्षों में, 40 करोड़ से अधिक लोगों के साथ 8.42 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवार (आईएमआईएस स्रोत के अनुसार 4.95 व्यक्ति प्रति ग्रामीण परिवार) कार्यक्रम के तहत लाभान्वित हुए हैं। यह संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका की 33.1 करोड़ जनसंख्या से अधिक है और यह ब्राजील की 21 करोड़ और नाइजीरिया की 20 करोड़ जनसंख्या से लगभग दोगुनी है और मेक्सिको की 12.8 करोड़ और जापान की 12.6 करोड़ जनसंख्या से तीन गुना से भी अधिक है।
- जल जीवन मिशन एसडीजी-6 को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसके तहत ‘नल के माध्यम से सुरक्षित पानी’ के प्रावधान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों, स्कूलों, आंगनवाड़ी और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में सभी के लिए सुरक्षित और किफायती जल उपलब्ध कराने लक्ष्य है।
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