जेल से सत्ता और पार्टी को साधने की कोशिश करेंगी शशिकला


 तमिलनाडु में सत्ता के लिए चल रहा गतिरोध लगभग साफ हो चुका है। राज्यपाल ने पलनिसामी को सरकार बनाने का न्यौता दे दिया है। उन्हें आगामी दो स’ाह में अपना बहुमत साबित करना होगा। उन्होंने राज्यपाल को अपने समर्थक विधायकों की सूची भी थमाई है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जो सत्ता संघर्ष चल रहा था, वह लगभग तय हो गया है, लेकिन इस संघर्ष के बाद कई सध्ो हुए मायने सामने आए हैं। राजनीतिक ताकत को दिखाने और उसको अपने पाले में कैसे रखा जाए, इस बात के मायने, जो भविष्य में तमिलनाडु की राजनीतिक गतिविधि को प्रशस्त करने का संदेश सीध्ो तौर पर देती है। 
  आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में शशिकला तो जेल होने के ज्यों ही कयास लगाए जा रहे थ्ो, इससे यह भी साफ लगने लगा था कि पन्नीरसेल्वम की ताकत बढ़ रही है और संभवत: सरकार के मुखिया वही हो सकते हैं। आमतौर पर जेल जाने व सत्ता से बाहर रहने का टर्म कार्ड जिस तरह जयललिता से खेला, वही टर्म कार्ड शशिकला भी ख्ोल गईं। इससे तो साफ ही माना जाए कि जेल जाने के बाद भी शशिकला राजनीतिक तौर पर न तो पार्टी में और न ही सत्ता में कमजोर पड़ने वाली हैं। उन्होंने जो फैसले लिए हैं, उससे उन्होंने विरोधियों को यह साफ संदेश देने की कोशिश की कि वह भले ही सीएम नहीं बन पाईं हो और अब जेल में रहेंगी, लेकिन सत्ता और पार्टी पर उनकी पूरी कमान रहेगी। यानि, वह सत्ता और पार्टी का नेतृत्व कैरम बोर्ड की गोटियों की तरह करेंगी। पलनिसामी को विधायक दल का नेता बनाकर सरकार के मुखिया के रूप में उन्होंने पेश किया है, जिन्होंने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा भी कर दिया है। वहीं, पार्टी पर कमान को मजबूत रखने के लिए उन्होंने अपने भतीजे को उप-महासचिव की जिम्मेदारी सौंप दी है। दूसरा, अहम विषय यह है कि बगावत पर उतरे पन्नीरसेल्वम को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर काटे को भी साफ करने की पूरी कोशिश उन्होंने की है, लेकिन डगर, अभी बाकी है, क्योंकि जिस तरह पन्नीरसेल्वम ने बगावत की है, वह भी संघर्ष से पीछे नहीं हटना चाहेंगे। 
  जिस तरह बगावत के बाद विधायकों व कई बड़े नेताओं का उनके साथ जुड़ने का सिलसिला चला है, उससे उनकी ताकत को एकदम कम नहीं आंका जा सकता है, लेकिन यह सब तब निर्भर करेगा जब नए चुने गए विधायक दल के नेता पलनिसामी अपने बहुमत को साबित नहीं कर पाएंगे, क्योंकि अभी एक मोर्चे पर शशिकला ख्ोमे पर तलवार लटकी हुई है। उन पर विधायकों के अपहरण का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस कार्रवाई करने में जुटी पड़ी है। इसका क्या परिणाम सामने आता है, वह भी काफी कुछ परिदृश्य को साफ करेगा, क्योंकि अपहरण की बात को विधायक सच मानते हैं तो नए विधायक दल के नेता को बहुमत साबित करने में दिक्कतें पेश आ सकती हैं। 
  जाहिर सी बात है इससे पन्नीरसेल्वम की मजबूती सामने आएगी। भले ही वह कार्यवाहक सीएम हैं, लेकिन वाकई उनके साथ विधायकों का समर्थन है यह देखने वाली बात होगी। आने वाले कुछ दिनों में स्थिति अवश्य स्पष्ट हो जाएगी। 






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