निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरने से चार लोगों की मौत



    ग्रेेटर नोएडाः बिसरख थानांर्गत मंगलवार रात एक चार मंजिला और एक छह मंजिला निर्माणाधीन बिल्डिंग के गिरने से चार लोगों की मौत हो गई है। अभी कई लोगों के मलबे के अंदर दबे होने की आशंका है, जिनको एनडीआरएफ द्वारा चलाए गए रेस्क्यू अभियान के तहत निकालने का प्रयास जारी है। चार मंजिला बिल्डिंग में कुछ परिवार रह रहे थे, वहीं जो निर्माणाधीन बिल्डिंग थी, उसमें कुछ मजदूर मौजूद थे, जिन लोगों की मौत हुई है, वे सभी मजदूर बताए जा रहे हैं। उधर, डीएम बीएन सिंह ने एडीएम कुमार विनीत को जांच सौंप दी है, जिन्हें आगामी 15 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोतवाली बिसरख पुलिस ने ब्रोकर दिनेश, संजीव और बिल्डिंग मालिक गंगा शंकर दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

   बता दें कि मंगलवार रात को बिल्डिंगें भरभराकर गिर गईं थीं। उस वक्त वहां काफी संख्या में लोग मौजूद थे। घटना के बाद से रेस्कयू अभियान चला लिया था, लेकिन बुधवार सुबह तक तीन डेडबॉडी मलबे से निकाली गईं, उसके बाद दोपहर में एक और डेडबॉडी निकाली गई। जिस प्रकार 50 तक लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है, उससे आशंका है कि और कई कैजुएल्टीज हो      सकती हैं।
   मेरठ रेंज के आईजी राम कुमार ने कहा कि मलबे को सावधानी के साथ उठाया जा रहा है, जिससे जो लोग जीवित हैं, उन्हें निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि अभी तक चार लोगों के शव मिले हैं। अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। आईजी ने आगे कहा कि यह निर्माणाधीन बिल्डिंग है, इसलिए फंसे हुए लोगों में भी ज्यादा संख्या मजदूरों के ही होने की संभावना है। स्थानीय लोगों से यही पता चला है कि कुछ मजदूर अपने परिवार के साथ निर्माणाधीन बिल्डिंग में रह रहे थे। उन्होंने बताया कि अभी 24 घंटे तक और राहत और बचाव कार्य चल सकता है और जो भी इस हादसे के जिम्मेदार हैं, उन्हें किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
  उधर, रेस्क्यू में जुटी एनडीआरएफ टीम के कमांडेंट पीके श्रीवास्तव ने कहा कि खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है। ऐसा लग रहा है कि इसमें किसी के बचने की उम्मीद कम है। खोजी कुत्तों की सूंघने की ताकत बहुत अधिक होती है और वह जीवित लोगों तक तुरंत पहुंता देते हैं, लेकिन अब ऐसे संकेत नहीं मिल रहे हैं, जो बेहद दुःखद है।
  सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लिया है, उन्होंने रेस्कयू अभियान में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने को निर्देश दिए हैं। घटना स्थल पर केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा भी पहुंचे। उधर, सीएम ने घटना की जानकारी लेने के लिए डीजीपी ओपी सिंह से हालात पर बात की। मौके पर एनडीआरएफ की टीम, जिला प्रशासन, पुलिस मौके पर मौजूद हैं और मुस्तैदी से राहत कार्य अंजाम दिया जा रहा है। उधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन को जानकारी दी थी कि यहां अवैध तरीके से निर्माण कार्य हो रहा है पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा ने कहा कि अभी प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की है, दोषी कौन लोग हैं, यह बाद का विषय है।


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