'मुरलीधरन’ ने आज ही के दिन 'टेस्ट क्रिकेट’ को कहा था 'अलविदा’
भारतीय मूल के तमिल और 'श्रीलंकाई क्रिकेटर’ 'मुथ्ौया मुरलीधरन’ को कौन नहीं जानता। वाकई उनको ख्ोलते देखते रहना बड़ा रोमांचक भरा रहता था। पर वह आज ही का दिन था यानि 22 जुलाई 2०1०, जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। मुरलीधरन उस दौर के क्रिकेटर रहे, जिस दौर में 'श्ोन वॉर्न’ और 'अनिल कुबंले’ जैसे महानतम स्पिनर ख्ोले, लेकिन विकेट लेने की बात करें तो मुरलीधरन इन दोनों गेंदबाजों से आगे निकल गए, लेकिन सबसे अधिक बार 'डक’ यानि 'शून्य पर आउट’ होने का रिकॉर्ड भी मुरलीधरन के नाम पर है।
22 जुलाई 2०1० को उन्होंने अपने अंतिम टेस्ट मैच की अंतिम गेंद पर अपना 8००वां विकेट लिया था, तब ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट और एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय, दोनों में ही सबसे अधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने 5 फरवरी 2००9 को कोलंबो में भारतीय बल्लेबाज 'गौतम गंभीर’ का विकेट लेकर पाकिस्तान के स्विंग गेंदबाजी के मास्टर 'वसीम अकरम’ के 5०2 विकेट लेने के रिकॉर्ड को पार कर लिया था। टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज श्ोनवार्न से उनका लंबे समय तक 19-2० का आकड़ा बनता रहा, लेकिन आखिरकार वह टेस्ट क्रिकेट में भी सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए।
मुथ्ौया मुरलीधरन क्रिकेट इतिहास का ऐसा चेहरा हैं, जिनके नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं। वह 'टेस्ट क्रिकेट’ में जहां 8०० विकेट लेकर सबसे अधिक विकेट लेने वाले गोलदाज बने हुए हैं, वहीं 'सीमित ओवरों’ यानि 'एकदिवसीय मैचों’ में भी वह सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने एकदिवसीय मैचों में 515 विकेट लिए हैं। जब उन्होंने 22 जुलाई 2०1० को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा, तब वह टेस्ट, वनडे और टी-ट्वेंटी मैचों में संयुक्त रूप से सर्वाधिक 132० विकेट ले चुके थ्ो। यह तो सबसे अधिक विकेट लेने की बात हुई, लेकिन अलग-अलग कैटेगिरी में भी वह गेंदबाजी के सरताज रहे। उन्होंने टेस्ट मैचों में 67 बार एक पारी में 'पांच विकेट’ लेने का कारनामा भी किया हुआ है। सर्वाधिक बार यह कारनाम करने का रिकॉर्ड भी मुथ्ौया मुरलीधरन के नाम ही है। अगर, टेस्ट स्तर पर एक मैच में सबसे अधिक बार 1० विकेट लेने की बात करें तो मुथ्ौया मुरलीधरन ने यह कारनामा 22 बार किया है। वह टेस्ट मैचों में सबसे अधिक तेज विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं। 116वें टेस्ट तक वह 35० विकेट ले चुके थ्ो। इसके बाद भी वह धड़ाधड़ विकेट लेते रहे। उन्होंने 133 टेस्ट मैच ख्ोले और 7०8 से अधिक यानि 8०० विकेट लेने वाले दुनिया के एकमात्र गेंदबाज बने हुए हैं। वहीं, लगातार चार मैचों के एक टेस्ट मैच में 1० विकेट लेने वाले एकमात्र दुनिया के खिलाड़ी हैं, उन्होंने यह कारनाम 1० बार कर दिखाया है। देश से ख्ोलने वाले प्रत्येक देश के खिलाफ 5० या इससे अधिक विकेट लेने वाले दुनिया के एकमात्र गेंदबाज भी मुथ्ौया मुरलीधरन ही हैं। इंग्लैंड के 'जिम लेकर’ के बाद मुथ्ौया मुरलीधरन ही ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट मैच की एक पारी में दो बार नौ विकेट चटकाने का कारनाम किया हुआ है।
वहीं, सबसे अधिक पांच देशों के खिलाफ एक पारी में सात विकेट लेने का रिकॉर्ड भी मुथ्ौया मुरलीधरन के पास ही है। टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 11 बार उन्हें मैन ऑफ द सीरीज हासिल करने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम है। मुथ्ौया मुरलीधरन उन गेंदबाजों की सूची में भी शामिल हैं, जिन्हेांने एक टेस्ट मैच में सभी 11 बल्लेबाजों को आउट किया है। मुरलीधरन के अलावा इस सूची में जिम लेकर, श्रीनिवास राघवन, ज्यॉफ डाइमॉक, अब्दुल कादिर और वकार यूनुस जैसे गेंदबाज शामिल हैं। मुरलीधरन तीन स्थानों, कोलंबो में सिंहली स्पोट्र्स क्लब ग्राउंड, कैंडी में असगिरिया स्टेडियम और गाले में गाले अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में 1०० से अधिक टेस्ट विकेट लेने वाले एक मात्र गेंदबाज भी हैं। वहीं, एक कैलेंडर वर्ष में तीन मौकों पर 75 या इससे अधिक विकेट लेने वाले एकमात्र गेंदबाज, जिन्होंने यह कारनामा 2०००, 2००1 और 2००6 में किया है। गेंदबाजी में भले ही मुरलीधरन ने तमाम रिकॉर्ड बनाए हैं, लेकिन उनके नाम एक अनोखा रिकॉर्ड भी शामिल है। वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट(टेस्ट, एकदिवसीय और टी-ट्वेंटी) में सबसे अधिक 59 बार डक (शून्य पर आउट) भी हुए हैं।
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