"Barack Obama" : अमेरिकी इतिहास के सफल राष्ट्रपति ( Born August 4, 1961)

Barack Obama: Americi Etihaas Ke Safal Rashtrapati

 "Barack Obama" biography in hindi
  ''बराक ओबामा’’ के बारे में सारी दुनिया जानती है। एक संघर्षशील, खुशमिजाज ''राजनेता’’ के तौर पर उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने अपने हौंसलों के दम पर ''अमेरिका’’ जैसे दुनिया के सबसे ताकतवर देश का ''राष्ट्रपति’’ बनकर दिखाया। जब 2००8 में वह राष्ट्रपति पद के लिए पहला चुनाव जीते तो यह दुनिया के लिए सबसे बड़ी खबर थी, क्योंकि वह अमेरिका के इतिहास में पहले अफ्रीकन अमेरिकी रहे, जो देश के सर्वोच्च पद पर आसानी होने में सफल रहे। वह अमेरिका के ''44वें’’ राष्ट्रपति बने। बराक ओबामा को ''अमेरिका के इतिहास’’ का बेहद सफल राष्ट्रपति माना जाता है और भारत के परिपेक्ष्य में देख्ों तो उनकी भारत के साथ मैत्रियता किसी से छुपी नहीं रही।


आज का दिन यानि 4 अगस्त अमेरिका के साथ दुनिया भर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज ही के दिन 1961 को इस महान शख्सियत का जन्म हुआ था। विश्व शांति के लिए बराक के उल्लेखनीय योगदान के लिए 2००9 में उन्हें '' शांति के नोबेल पुरस्कार’’ के लिए भी चुना गया था। जाहिर सी बात है, जब ऐसे शख्सियत की बात हो रही हो तो कौन उनके बारे में जानने की उत्सुकता नहीं रखता होगा। भले ही, राष्ट्रपति के तौर पर दुनिया उन्हें जानती हो, लेकिन उनके जीवन के शुरूआती दौर से लेकर अमेरिका के सर्वोच्च पद पर पहुंचने का सफर कम ही लोग जानते होंगे। 
"Barack  Obama" का प्रारंभिक जीवन
Barack  Obama  का जन्म 4 अगस्त 1961 को संयुक्त राज्य अमेरिका के होनोलूलू हवाई में हुआ था। वह किन्याई मूल के अश्वेत पिता और अमरीकी मूल की मां की संतान हैं। जब वह महज दो साल के थ्ो तो उनके माता-पिता अलग हो गए। इसके बाद उनकी मां ने इंडोनेशियाई शख्स से शादी कर ली। लिहाजा, ओबामा को भी 6 से 1० वर्ष की आयु तक जर्काता और इंडोनेशिया में रहना पड़ा। उन्हें बचपन में बैरी के नाम से भी जाना जाता था। इस अवधि के बाद वह वापस होनोलूलू वापस आ गए और अपने नैनिहाल में रहने लग गए। 
 शिक्षा
 बालक ''बैरी’’ की शुरूआती पढ़ाई अपने नैनिहाल से हुई। उन्होंने 1983 ''कोलंबिया विश्वविद्यालय’’ से ''राजनीति शास्त्र’’ में स्नातक की डिग्री हासिल कर ली थी। इसके बाद वह ''हॉवर्ड यूनिवर्सिटी’’ चले गए और वह हॉवर्ड लॉ स्कूल से 1991 में लॉ स्नातक बने, जहां वह हॉवर्ड लॉ रिव्यू के पहले अफ्रीकी अध्यक्ष भी रहे। किशोरावस्था में ओबामा को धूम्रपान और शराब के सेवन की भी लत थी, लेकिन अपनी मजबूत इच्छा शक्ति के बल पर उन्होंने इन बुरी आदतों का त्याग कर दिया था। ओबामा में राजनीतिक इच्छाशक्ति पहले से ही प्रबल थी, लेकिन पढ़ाई के दौरान उन्होंने स्वयं की जीविका चलाने के लिए पार्ट टाइम नौकरी के रूप में शिकागो युनिवर्सिटी में पढ़ाने लगे थ्ो, लेकिन धीरे-धीरे वह अपनी सोच के अनुसार राजनीति के क्ष्ोत्र में कदम बढ़ाने लगे थ्ो। 
परिवार


पढ़ाई पूरी होने के बाद Barack  Obama  की 3 अक्टूबर 1992 में मिश्ोल रोबिंसन से हो गई। उनकी दो बेटियां ''मालिया और साशा’’ हैं। बड़ी बेटी मालिया का जन्म 1998 और छोटी बेटी साशा का जन्म 2००1 में हुआ। अक्सर, देखा जाता है कि अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान भी वह अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने जाते रहते थ्ो, इसीलिए उन्हें बेहतर पिता के रूप में भी दुनिया जानती है। अपने व्यवस्तम समय में भी वह परिवार के लिए पूरा समय निकालते रहे। ओबामा अपने बच्चों से बेहद प्यार करते हैं। दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति होने के बाद भी वह अपने बच्चों को सादगी से रहन-सहन की शिक्षा देते हैं। वह अपनी पत्नी मिश्ोल ओबामा को अपनी ताकत मानते हैं। यही वजह है कि दोनों के बीच गजब का तालमेल है। वह इसकी वजह यह भी बताते हैं कि मिशेल और वह पत्नी के अलावा एक अच्छे दोस्त भी हैं, जो एक-दूसरे की जरूरतों को समझते हैं। इसीलिए दोनों की सफलता में एक-दूसरे का निरंतर सहयोग रहा है। 
राजनीतिक जीवन
 शुरू से ही मानव अधिकारों की लड़ाई ओबामा लड़ते रहे। बहुत से संगठनों के साथ वह काम करते रहे। एक वकील के तौर पर भी वह मानव अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करते रहे। उन्हें महसूस होने लगा कि अगर, मानव अधिकारों के लिए बड़ा संघर्ष करना है तो निश्चित ही उन्हें राजनीतिक मंच को अपनाना होगा। लिहाजा, वह राजनीति की तरफ बढ़ने लगे। इसके बाद उन्होंने सीनेट की एक सीट के लिए नेतृत्व किया। 
 आगे चलकर 1996 में वह स्वतंत्र रूप से लड़े और चुनाव जीत गए। यहीं से उनके राजनीतिक सफर का बहाव तेज होता गया। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अपने अधिकारों के लिए जूझ रहे लोगों के लिए शिद्त से काम किया। इसके इतर उन्होंने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी विश्ोष ध्यान दिया। सीनेट के अध्यक्ष के तौर पर Barack  Obama  ने कई कैदियों की पूछताछ भी कराई, उनके वीडियो रिकॉर्ड किए गए, जिनमें कई कैदी तो बेगुनाह साबित हुए, जिन्हें छुड़वाए जाने का काम भी बराक ओबामा ने किया। अपने काम में जुनूनी ओबामा धीरे-धीरे अपने काम में रच-बस गए और उन्होंने आगे चलकर 2००2 में अपने राजनीतिक सलाहकार डेविड एक्सेलरॉड की सलाह पर एक कमिटी बनाई, जिसकी मदद से 2००4 में उन्होंने यूएस की सीनेट के लिए धन इक्ट्ठा कर चुनाव लड़ा, जिसमें भी वह जीत गए। 
 ओबामा इलिनॉय प्रांत से कनिष्ठ सेनेटर तथा 2००8 में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैटिक पार्टी के उम्मीदवार थ्ो। 5 जून, 2००8 को लगभग तय हो गया था कि ओबामा की उम्मीदवारी के समर्थन में उनकी ''डेमोक्रेटिक’’ प्रतिद्बंदी तथा पूर्व अमेरिकी प्रथम महिला हिलेरी क्लिंटन अपनी दावेदारी छोड़ दंेगी। ऐसा हुआ भी और ओबामा ने चुनाव जीत लिया। वह इस जीत के साथ जहां 44वें राष्ट्रपति बने, बल्कि पहले ऐसे अश्वेत भी बने, जो देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। अमेरिकी इतिहास में ओबामा न केवल पांचवे अफ्रीकी अमेरिकी सीनेटर-अमरिकी सांसद रहे, बल्कि लोकप्रिय मतों से चुने जाने वाले तीसरे और सीनेट में नियुक्त एकमात्र अफ्रीकी अमेरिकी सीनेटर भी रहे। ओबामा ने 2० जनवरी, 2००9 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। 
 अमेरिका राष्ट्रपति पद का कार्यकाल चार वर्ष का होता है। ओबामा 2०12 में फिर जीते, इस लिहाज से वह दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति के पद पर 2० जनवरी 2००9 से 2० जनवरी 2०17 तक कार्यरत रहे। 
 ''शांति का नोबेल पुरस्कार’’
 2००9 में ओबामा को शांति के नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें यह पुरस्कार विश्व समुदाय में शांति को बढ़ावा देने के लिए दिया गया। बराक ओबामा अमेरिका के ऐसे चौथ्ो राष्ट्रपति रहे हैं, जिन्हें नोबेल के शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ओबामा से पहले यह पुरस्कार Theodore Roosevelt, Woodrow Wilsonand and Jimmy Carter को मिल चुका है।
लेखक भी हैं ''ओबामा’’
 बराक ओबामा दो किताबें भी लिख चुके हैं, जिनमें उनकी पहली पुस्तक ''ड्रीम्स फ्रॉम माई फादर'': ''अ स्टोरी ऑफ रेस एंड इन्हेरिटेंस’’ रही है, जबकि दूसरी किताब ''द ओडेसिटी ऑफ होप’’ 2००6 में प्रकाशि हुई थी। यह किताब शीघ्र ही सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों की सूची में भी शामिल हुई थी। ओबामा की पहली पुस्तक पर आधारित बुक को 2००6 में जहां प्रतिष्ठित ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया, वहीं दूसरी पुस्तक पर आधारित ओडियो बुक को भी 2००8 में ''ग्रैमी पुरस्कार’’ से नवाजा गया। ''शिकागो ट्रिब्यून’’ के अनुसार पुस्तक के प्रचार के दौरान लोगों से मिलने के प्रभाव ने ही ओबामा को राष्ट्रपति पद के चुनाव में उतरने का हौंसला दिया। 



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