डबल इंजन की सरकार का फायदा | jharkhand assembly election 2019
jharkhand assembly election 2019 का चुनाव आगे बढ़ रहा है। आगामी 7 दिसंबर को दूसरे चरण का चुनाव होना है। सभी पार्टियां चुनाव को लेकर काफी सक्रिय हैं। अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को जमशेदपुर और खूंटी में दो चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई भी दौरा काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन जब यह दौरा चुनाव के संबंध में हो तो निश्चित ही इसका महत्व बढ़ जाता है। खासकर, चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे बीजेपी के प्रत्याशियों के लिए। जिस प्रकार देश में 2०14 के बाद मोदी फैक्टर तेजी से काम रहा है, उससे चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों को मदद मिलना लाजिमी है, लेकिन फैक्टर विधानसभा चुनावों में कितना काम करेगा, यह देखना अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोकसभा और विधानसभा चुनावों का नेचर बिल्कुल अलग होता है और वहां के राजनीतिक समीकरण और मुद्दे अलग तरह से काम करते हैं।
![]() |
pm modi in jharkhand |
झारखंड ने अपने सफर में काफी राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे हैं। सरकारें आईं-गईं की तर्ज पर चलती रहीं। झारखंड देश का पहला ऐसा प्रमुख राज्य है, जो भरपूर खनिज संपदाओं से भरा पड़ा है। अगर, राज्य में राजनीतिक स्थिरता बनी रहे तो निश्चित ही अपनी संपदाओं के बल पर राज्य काफी तरक्की कर सकता है। पिछले पांच साल में राज्य आगे जरूर बढ़ा है। यहां मेडिकल सुविधाओं का विस्तार हुआ। राज्य की विकास गति भी ठीकठाक रही थी और रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़े हैं, क्योंकि राज्य में रघुवर दास ऐसे शख्स रहे हैं, जिन्होंने पहली बार सीएम के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। जब राज्य में कोई स्थिर सरकार रहती है तो उसका असर दिखता ही है। ऐसा रघुवर सरकार में भी हुआ, लेकिन इस बार राज्य में बने त्रिकोणीय समीकरणों के चलते चुनावी समीकरण अलग बन रहे हैं। खासकर, जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर। 7 दिसंबर को इस सीट पर चुनाव होना है और स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास की प्रतिष्ठा इस सीट पर दांव पर लगी हुई है।
एक तरफ मुख्यमंत्री के खिलाफ उन्हीं की सरकार में कदवर मंत्री रहे सरयू राय उनके खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं तो उधर, महागठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी कांग्रेस के राष्टीय प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव व“भ भी चुनाव मैदान में हैं। इसीलिए इस सीट पर सीधे तौर पर त्रिकोणीय मुकाबला है। इस सीट के चुनाव का महत्व न केवल मुख्यमंत्री रघुवर दास जानते हैं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जानते हैं। इसीलिए यहां प्रतिष्ठा सिर्फ मुख्यमंत्री रघुवर दास की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी लगी हुई है। असल में, बीजेपी 2०14 के बाद मोदी फैक्टर के चलते चुनाव जीतते रही है, लेकिन पिछले कुछ समय में यह फैक्टर धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जा रहा है। इसका असर छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट् जैसे राज्यों में देखने को मिला है। फिर भी पीएम का दौरा हो तो थोड़ा असर तो देखने को मिलता है।
वहीं, कुछ प्रभाव केंद्र की योजनाओं का भी पड़ता है। इसीलिए मुख्यमंत्री रघुवर दास से लेकर प्रधानमंत्री ने जनसभाओं के दौरान केंद्र की लगभग हर बड़ी योजनाओं का बखान किया। महाराष्ट् में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई थी, लेकिन चुनाव के बाद बदले राजनीतिक समीकरणों ने उसे सत्ता से बाहर कर दिया, इसीलिए बहुमत के लिए सीटें निकालना भी बीजेपी के लिए जरूरी होगा। अगर, ऐसा न हुआ तो झारखंड में भी महाराष्ट् वाली तस्वीर देखने को मिल सकती है। इसीलिए बीजेपी हाथ से खिसके राज्यों में एक और राज्य का नाम जोड़ना बिल्कुल भी नहीं चाहेगी। फिर भी फैसला तो जनता के हाथ में ही है कि उन्हें डबल इंजन की सरकार के साथ ही रहना है या फिर सिंगल इंजन की सरकार का चुनाव करना है।
इन्हें भी पढ़े
इन्हें भी पढ़े
Post a Comment