नए साल के जश्न में शराब के सेवन से बचेंI Avoid alcohol consumption in New Year celebration
शीतलहर बढने की संभावना के बीच मौसम विभाग ने दी सलाह
शरीर के तापमान कर देती है शराब
जैसा हमने कोरोना लॉकडाउन के दौरान देखा। 40 दिनों तक बिना शराब के सेवन के घर में जैसे-तैसे रह लिए पर जैसे ही शराब की बिक्री हुई तो शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गईं थीं। सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान नहीं रखा गया। यहां तक कि कुछ राज्य सरकारों ने शराब की कीमत 70-75 तक फीसदी बढ़ा दी, लेकिन शराब के शौकीनों को इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्हें पीना है, तो फिर हर कीमत पर पीना है।
आइए अब आकड़ों से समझते हैं कि देा में कितने हैं शराब के शौकीन और कितनी शराब गटक जाते हैं। एम्स की 2019 स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 16 करोड़ लोग शराब के शौकीन हैं, यानि कि इतने लोग शराब का सेवन करते हैं। अगर, पुरूषों और महिलाओं के बीच तुलना की जाए तो देश की 1.6
महिलाओं की तुलना में
27.3 पुरुष शराब का सेवन करते हैं, इनमें से 5.7 करोड़ ऐसे हैं, जिन्हें शराब की लत है। 5.7 करोड़ लोग नियमित रूप से शराब पीते ही हैं। ऐसे लोगों के लिए शराब पीना काफी हानिकारक हो सकता है।
भारत में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की बात की जाए तो इनमें से बिहार, गुजरात, लक्षद्बीप, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में शराब प्रतिबंधित है। बाकी बचे राज्यों के लोग हर साल करीब 600 करोड़ लीटर शराब पी जाते हैं। आलम यह है कि देश में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2005 से 2016 तक दोगुनी हो गई है। डब्ल्यूएचओ की 2018 रिपोर्ट पर गौर करें तो साल 2005 में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2.4
लीटर थी, जो 2016 में 5.7
लीटर हो गई। यानि खपत दोगुने से भी ज्यादा बढ गई। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह देश में शराब के शौकीन बढ रहे हैं। शराब पीने वाले बढ रहे हैं तो शराब की खपत भी बढ रही है। 2010 से 2017 के बीच शराब की खपत में सालाना 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2010 में पुरुष सालाना 7.1
लीटर शराब पीते थे, 2016 में बढकर यह खपत 9.4
लीटर हो गई। 2010 में महिलाएं 1.3
लीटर शराब पीती थीं। 2०16 में यही मात्रा बढकर 1.7
लीटर हो गई। अगर, आर्थिक दृष्टिकोण से आकलन करें तो देश में हर महीने 410 करोड़ रुपए की 4.5
करोड़ लीटर शराब गटक ली जाती है। पिछले कुछ आकड़ों के अनुसार शराब की वजह से दुनियाभर में 30 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, भारत में
2.64 लाख से ज्यादा मौतें शराब पीने से हो चुकी हैं।
लोग भले ही शराब को मौज-मस्ती का साधन मानते हों, लेकिन उन्हें यह भी जान लेना चाहिए कि शराब के शरीर के अंदर जाने से रासायनिक बदलाव होने लगते हैं, जिससे दिमाग और अंगों पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि एक बार घूंट निगलने के बाद, शराब तेजी से रक्त में घुल जाती है और शरीर के सभी हिस्सों में पहुंतची है। अगर गर्भवती महिला शराब पीती है तो वह शिशु तक भी पहुंचती है, जिसका बुरा असर पड़ता है।
अगर, आपने शराब यानि अल्कोहल का इस्तेमाल किया है, तो इसका पता मूत्र की जांच में चल जाता है और इसकी मौजूद्गी मूत्र में 3 से 5 दिन तक रहती है। वहीं, खून में ये 10 से 12 घंटे रह जाती है, जबकि बालों की अगर जांच हो, तो 90 दिनों तक शराब का असर रहता है। कुल मिलाकर ये आकड़े हमें यह बताने के लिए काफी हैं कि शराब को सेवन किस तरह इंसान के लिए घातक है, इसीलिए कोशिश यही होनी चाहिए कि शराब के सेवन से बचा जाए। जिस तरह शीतलहर बढने वाली है, ऐसे में मौसम विभाग का नए साल के जन में कम शराब पीने का सलाह देना काफी मायने रखता है। आईएमडी ने कहा है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में
29-30 दिसंबर से गंभीर शीत लहर चलने वाली है। आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार हिमालय की ऊपरी पहुंच को प्रभावित करने वाले एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से रविवार और सोमवार को पारा थोड़ा बढ जाएगा, लेकिन राहत ज्यादा लंबे समय के लिए नहीं होगी। पश्चिमी विक्षोभ के हट जाने के बाद और उत्तर-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम में निचले स्तर की हवाओं में ठंडी और शुष्कता के परिणामस्वरूप मजबूती के प्रभाव के कारण 29 दिसंबर के बाद पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ में फिर से गंभीर शीतलहर की स्थिति ठंडी हो सकती है। इसीलिए गंभीर ठंड की स्थिति का सामना करने के लिए अपनी त्वचा को भी मॉइस्चराइज करें। साथ ही, विटामिन-सी का सेवन व खाने में फलों की मात्रा बढ़ाएं, इससे ठंड का त्वचा पर होने वाला असर कम होगा।
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