31 मार्च तक बढ़ सकती है आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन I Deadline to file ITR may increase by 31 March
टैक्स एक्सपर्ट्स ने सरकार को चिट्ठी लिखकर की मांग
दिसंबर माह खत्म होने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इसीलिए इनकम टैक्स पेयर्स की टेंशन बढ़ी हुई है, क्योंकि इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बिल्कुल नजदीक है। 31 दिसंबर है आईटीआर जमा करने की आखिरी तारीख। पर आप इतना परेशान न हों, क्योंकि आईटीआर दाखिल करने की तिथि आगे बढ़ सकती है, अभी ऐसी प्रबल संभावना है। हालांकि सरकार की तरफ से इस संबंध में आदेश आना बाकी है।
दरअसल, टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर (टीपीए) के जरिए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, टैक्स एडवाइजर्स और वकीलों की ओर से एक मांग पत्र केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानि सीबीडीटी के चेयरमैन को भेजा गया है, इस मांगपत्र में इनकम टैक्स रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की गई है। तिथि आगे बढ़ाने को लेकर जैनविन तर्क भी दिया गया है। यह तर्क है-आयकर रिटर्न जमा करने के फॉर्म (यूटिलिटी) में सरकार द्बारा दिसंबर में ही किया गया संशोधन । अगर, दिसंबर में ही यह संशोधन किया गया है तो 31 दिसंबर रिटर्न जमा करने की अंतिम तिथि कैसे हो सकती है ? इसके अलावा इन सभी टैक्स एक्सपर्ट्स ने कोरोना से पैदा हुई मुश्किलों का भी हवाला दिया है। ये दोनों ही तर्क सरकार पर रिटर्न फायल करने की तिथि को बढ़ाने पर दबाब का काम कर रहे हैं।
ऐसे में लगता है कि टैक्स एक्सपर्ट्स की मांग के अनुसार अगले साल 31 मार्च तक रिटर्न फायल करने की तिथि को बढ़ाया जा सकता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्स एडवाइजर्स के मुताबिक बिना ऑडिट रिपोर्ट के जमा होने वाले आयकर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तारीख को 31 दिसंबर से बढ़ाकर 28
फरवरी करना जरूरी है। इसी तरह ऑडिट वाले आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख को 31 मार्च तक बढ़ाया चाहिए। सरकार से यह भी मांग की गयी है कि कोरोना संकट से पैदा हुई स्थिति की वजह से चार्टर्ड अकाउंटेंट अपना काम ठीक तरीके से नहीं कर पा रहे हैं। अब भी लगभग
50 परसेंट ही रिटर्न दाखिल हुए हैं, इसलिए डेडलाइन को आगे बढ़ाया जाना ही एकमात्र विकल्प हो सकता है।
टैक्स एक्सपर्ट्स तिथि आगे बढ़ने की उम्मीद इसीलिये भी लगाये बैठे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि टैक्स रिटर्न के नए फॉर्म सीबीडीटी अप्रैल में जारी करने वाली थी, लेकिन वो दो महीने बाद जून में जारी किए गए, इसलिए जब सरकार खुद ही प्रक्रिया में देरी कर रही है तो टैक्स पेयर्स से जल्दबाजी नहीं करवानी चाहिए। टीपीए के मुताबिक जिन टैक्स पेयर्स पर एक लाख रुपये से ज्यादा का टैक्स बकाया है, उनसे ब्याज भी लिया जाता है। अगर, टैक्सपेयर्स वो ब्याज भी देने को तैयार हैं तो फिर रिटर्न भरने की तारीखें भी आगे बढ़नी चाहिए।
कुल मिलाकर, टीपीए की इस चिट्ठी के बाद उम्मीद जगी है कि इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है और वैसे भी अगर रिटर्न की संख्या कम रही तो तारीख बढ़ाना सरकार की मजबूरी बन ही जाएगी, क्योंकि ऐसे तो सरकार का टैक्स कलेक्शन भी घट जाएगा, जो सरकार को किसी भी रूप मंजूर नहीं हो सकता है। इसके अलावा, जब खुद चार्टर्ड अकाउंटेंट ही अभी आईटीआर और ऑडिट रिपोर्ट को लेकर तैयार नहीं हैं तो भी सरकार के सामने तिथि आगे बढ़ाये जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा। अगर, ऐसा होता है तो यह टैक्स पेयर्स के लिये बहुत बड़ी राहत की बात होगी।
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