पीएमकेवीवाई के तीसरे चरण में आठ लाख युवाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित
600 जिलों हुई तीसरे चरण की शुरूआत,
948.90 करोड़ होंगे व्यय
कोविड से संबंधित कौशल पर केंद्रित किया जाएगा ध्यान
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई
3.0) के तीसरे चरण में आठ लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसके तहत 948.90 करोड़ रूपये व्यय करने की योजना बनाई गई है। इसको लेकर केंद्र सरकार की तरफ से तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। आज से ही देश के 600 जिलों में योजना के तीसरे चरण की शुरूआत भी कर दी जाएगी। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इस चरण में नए युग और कोविड से संबंधित कौशल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना स्किल डेवलपमेंट की शुरूआती योजना है। मेक इन इंडिया के तहत बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए इस योजना को शुरू किया गया था। इस योजना को
2015 में नई नेशनल स्किल डेवलपमेंट और इंटरप्रिन्योरशिप पॉलिसी के तहत लांच किया गया था। इसके तहत देश के युवाओं को संगठित कर उनके कौशल को निखार कर उन्हें योग्यतानुसार रोजगार दिया जाता है। इस योजना के तहत
2022 तक 40.2 करोड़ युवा प्रशिक्षित हो जाएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए तीसरे चरण की शुरूआत व्यापक तैयारी के साथ की जा रही है।
कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि आज से शुरू होने वाले योजना के तीसरे चरण के तहत 729
प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेके), स्किल इंडिया के तहत सूची में शामिल गैर-पीएमकेके प्रशिक्षण केंद्र और 200
से अधिक आईटीआई कुशल पेशेवरों का एक मजबूत पूल बनाने का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पीएमकेवीवाई 1.0
और पीएमकेवीवाई 2.0
से प्राप्त प्रशिक्षण के आधार पर मंत्रालय ने मौजूदा नीति सिद्घांत के अनुरूप और कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुए कौशल इको सिस्टम को ऊर्जा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण के इस नए संस्करण में काफी सुधार किया है, जिसका आगामी चरणों में भी बेहतर रिजल्ट देखने को मिलेगा।
युवाओं में रोजगार के प्रति पैदा किया जाता है रूझान
केंद्र सरकार ने जब से इस योजना की शुरूआत की है, तब से युवाओं में रोजगार के प्रति काफी रूझान बढ़ता हुआ दिख रहा है, क्योंकि सरकार न केवल युवाओं को रोजगार के प्रति प्रोत्साहित करती है, बल्कि युवाओं को प्रशिक्षित करने की फीस का भुगतान भी स्वयं सरकार ही वहन करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्बारा 15 जुलाई
2015 को स्किल इंडिया मिशन के तहत शुरू की गई इस योजना के तहत कम पढ़े-लिखे या 10वीं, 12वीं कक्षा में ड्रॉप आउट युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना के तहत जहां 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया था, वहीं अगले साल तक 40 करोड़ युवा प्रशिक्षित हो जाएंगे। यह आकड़ा योजना की शुरूआत से लेकर 2022 की समाप्ति तक का होगा।
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