संयुक्त प्रयास से ही हारेगा कोरोना | Corona will lose due to joint effort


देश में कोरोना की दूसरी लहर के तहत मामले भले ही थोड़े कम हुए हैं, लेकिन अभी भी इसके बढते खतरे से बिल्कुल भी इंकार नहीं किया जा सकता हैं क्योंकि अभी महामारी की तीसरी लहर आनी बाकी है। विशेषज्ञों द्बारा इसका खतरा, जिस तरह जताया जा रहा है, वह परेशानी की तरफ तो ईशारा करता ही है। इसीलिए इसका बचाव का तरीका केवल कोरोना के लिए बनाए गए नियमों का पालन करना जरूरी है, बल्कि इससे भी अधिक जरूरी है कि टीकाकरण का अभियान बढ़ाया जाए। जिस तरह से तीसरी लहर का खतरा बच्चों के लिए जताया जा रहा है, वैसे में टीकाकरण अभियान के तहत बच्चों को टीका लगाए जाने पर सरकार को जल्द सक्रिय कदम उठाने पर विचार करना चाहिए, तभी भारत कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में विजय पा सकता है। फिलहाल, टीकाकरण की स्थितियां की बात करें तो टीकों की कमी लोगों द्बारा टीका लगाने में रूचि कम दिखाए जाने की वजह से हालात थोड़े  चिंताजनक बने  हुए  हैं, इसीलिए एक तरफ सरकार की कोशिश हो कि वह टीकों की सप्लाई बढ़ाए और दूसरी तरफ लोग टीका लगाने के प्रति रूचि बढ़ाएं। इसी संयुक्त प्रयास से कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और धारदार बनाया जा सकता है।



हालांकि, टीकों की कमी के बीच भी केंद्र सरकार की कोशिश ठीक इसीलिए कही जा सकती है, क्योंकि वह राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराने में उनकी सहायता करती रही है, इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों द्बारा टीकों की प्रत्यक्ष खरीद को भी सुगम बनाने पर लगातार जोर देते रही है। सभी जानते हैं कि टीकाकरण टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट एवं कोविड समुचित बर्ताव के साथ-साथ महामारी के नियंत्रण तथा प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की व्यापक रणनीति का एक अंतरंग हिस्सा है और कोविड-19 टीकाकरण की उदार और त्वरित चरण तीन रणनीति का कार्यान्वयन 1 मई 2021 से शुरू हुआ है।

इस रणनीति के तहत, प्रत्येक महीने किसी भी विनिर्माता की सेंट्रल ड्रग लैबोरेट्ररी (सीडीएल) स्वीकृत टीकों के 50 प्रतिशत की खरीद केंद्र सरकार द्बारा की जाएगी। यह राज्य सरकारों को पूरी तरह नि:शुल्क रूप से इन टीकों को उपलब्ध कराना जारी रखेगी, जैसा कि केंद्र सरकार पहले से ही करती रही है।

23 करोड़ से अधिक टीके कराये उपलब्ध 

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अभी तक नि:शुल्क श्रेणी और प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी, दोनों के ही जरिए राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों को 23 करोड़ से अधिक यानि 23 करोड़ 11 लाख 68 हजार 480 टीके उपलब्ध कराये हैं, इनमें से, अपव्यय सहित कुल उपभोग 21 करोड़ 22 लाख 38 हजार 652 टीकों का हुआ है, इस लिहाज से राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी लगाये जाने के लिए 1.75 करोड़ से अधिक यानि कुल 1 करोड़ 75 लाख 48 हजार 648 कोविड के टीके उपलब्ध हैं। इसके अलावा 2.73 लाख से अधिक यानि 2 लाख 73 हजार 970 टीके प्रक्रिया में हैं, जो आगामी तीन दिनों के अंदर राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों द्बारा प्राप्त कर लिये जाएंगे। वहीं, जिस तरह आने वाले महीनों में उपलब्ध होने वाले टीकों का आकड़ा बढने की बात कही जा रही है, उससे उम्मीद बनी हुई है कि दूसरी लहर के आकड़े अब लगातार ही कम होते जाएंगे। 

इसे अच्छी सफलता ही माना जाएगा कि फिलहाल प्रतिदिन 4 लाख से अधिक मामले सामने आने के बाद अब प्रतिदिन यह आकड़ा 1 लाख 52 हजार 734 पर पहुंच चुका है और लगभग 20.2 लाख मामले सक्रिय हैं। भले ही, अभी सक्रिय मामलों की संख्या थोड़ी कम हुई है, लेकिन कुछ राज्यों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। जिनमें कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं। कर्नाटक में जहां अभी 3 लाख 42 हजार 31 मामले सक्रिय है, वहीं तमिलनाडु में 3 लाख 5 हजार 546 और महाराष्ट्र में 2 लाख 74 हजार 601 मामले सक्रिय हैं। इसीलिए एहतियात में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए क्योंकि पहली लहर का दंश झेलने के बाद भी जिस तरह हर तरफ लापरवाही का आलम रहा, उसी का नतीजा रहा कि दूसरी लहर एकदम बेकाबू हो गई थी, काफी नुकसान के बाद जब यह लहर थोड़ी काबू होती दिख रही है तो अब किसी भी प्रकार की लापरवाही और भी भारी पड़ सकती है, इसीलिए सरकार को भी और लोगों को भी फूंक-फूंककर कदम उठाने की जरूरत है।


No comments