जल जीवन मिशन की सफलता दुनिया के लिए प्रेरक !

 

हाल ही में, जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत हर घर तक नल से जल पहुंचाने के 11.66 करोड़ के आकड़े को पार कर लिया गया है। यानि देश में 58 करोड़ लोगों को शुद्ध जल मुहैया होने लगा है। जनवरी से मार्च तक यानि 2023 के पहले तीन माह के दौरान हर सेकेंड एक नल का कनेक्‍शन दिया गया।


जिस उद्देश्‍य के साथ जल जीवन मिशन का शुभारंभ किया गया था
,  निश्चित तौर पर ये आकड़े उसी की तस्‍दीक करते नजर आते हैं, क्‍योंकि आगामी 2024 के अंत तक देश के 100 फीसदी घरों में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा गया है। यानि 2024 के आखिर तक जल शक्ति मंत्रालय को 19.43 करोड़ में से शेष बचे करीब 7.83 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल का कनेक्‍शन देना है। जल शक्ति मंत्रालय इस लक्ष्‍य को 2024 के आखिर तक पूरा करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जाहिर तौर पर पिछले चार वर्षों के दौरान नल से जल मुहैया कराने को लेकर जिस तरह के प्रयास किए गए हैं,  उससे इस बात की ऐसी कोई आशंका नजर नहीं आती है कि मंत्रालय इस लक्ष्‍य को पूर्ण नहीं कर पाएगा। इसे मंत्रालय की अभूतपूर्व सफलता माना जाएगा कि 2019 में जल शक्ति मंत्रालय के गठन के बाद न केवल साढ़े 11 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने में सफलता हासिल की गई, बल्कि लोगों में जल के संरक्षण को लेकर जागरूकता भी आई है, लिहाजा अब लोग न केवल जल के संरक्षण के प्रति पहले के मुकाबले अधिक जागरूक हुए हैं, बल्कि जल जीवन मिशन को आगे बढ़ाने के प्रति भी लोग सरकार का सहयोग भी कर रहे हैं।

जल जीवन का मूल तत्‍व है, क्‍योंकि जल के बिना जीवन की कल्‍पना नहीं की जा सकती है, इसीलिए जल जीवन का कितना मूल्‍यवान हिस्‍सा है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में, अगर जल के संरक्षण और हर घर तक नल से जल नहीं पहुंचाने के संबंध में कदम नहीं उठाए जाते तो यह देश के विकास में सबसे अधिक बाधक माना जाता, लेकिन जिस तरह हर घर तक नल से जल पहुंचाने और जल के संरक्षण को लेकर बीते चार वर्षों में काम हुआ है, वह विकास की इस दौड़ में सबसे अहम मील का पत्‍थर साबित होगा, क्‍योंकि जल शक्ति मंत्रालय के गठन के वक्‍त सरकार के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी, क्‍योंकि जल जीवन मिशन का प्रारंभ करने के वक्‍त 19.43 करोड़ ग्रामीण घरों में से महज 3.23 करोड़ (16.65 प्रतिशत) घरों में ही नल से जल मुहैया हो रहा था और जिस तरह देश की भौगोलिक स्थिति है, उस हिसाब से हर क्षेत्र की चुनौतियां जटिल तो थीं ही बल्कि अलग-अलग भी थीं, लेकिन इन जटिल चुनौतियों का सामना करते हुए जिस तरह मंत्रालय ने इस मिशन को आगे बढ़ाया, निश्चित तौर पर यह एक प्रेरक प्रयास है। अब जिस मुकाम तक मिशन पहुंच चुका है, उससे अब इसकी सफलता को लेकर कोई भी प्रश्‍न पीछे नहीं रह जाता है।

जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत इसे अभूतपूर्व प्रयास ही कहा जाएगा कि 2023 में जनवरी से 31 मार्च तक प्रति सेकेंड नल का एक कनेक्‍शन दिया गया यानि कि इस अवधि में 86,894 नए नल जल के कनेक्‍शन दिए गए। और देश में अब 60 फीसदी से अधिक आबादी को नल से जल मुहैया होने लगा है। यह सफलता इसीलिए भी अधिक प्रशंसनीय है, क्‍योंकि इस दौरान दो साल कोरोना महामारी के भी रहे और रुस और युक्रेन युद्ध के बाद उत्‍पन्‍न हुई विषम परिस्थितियां भी इस कड़ी में शामिल हैं। इस तमाम व्‍यवधानों के बावजूद देश के सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में जल जीवन मिशन को लागू करने के बारे में निरंतर प्रयास किए जाते रहे हैं।

देश के पांच राज्‍यों गुजरात, तेलंगाना, गोवा, हरियाणा और पंजाब के साथ ही तीन केन्‍द्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दमन द्वीप एवं दादरा नगर हवेली व पुडुचेरी ने शत-प्रतिशत नल से जल कनेक्‍शन की कवरेज हासिल कर ली है। यानि सरकार सभी ग्रामीण परिवारों को नल के माध्‍यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्‍ध कराने के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

जल जीवन मिशन को लागू करने की तेज गति और इसके अभूतपूर्व पैमाने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान 40 करोड़ से अधिक लोगों के साथ 8.42 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवार (आईएमआईएस स्रोत के अनुसार 4.95 व्‍यक्ति प्रति ग्रामीण परिवार) कार्यक्रम के तहत लाभान्वित हुए हैं। यह संख्‍या संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका की 33.1 करोड़ जनसंख्‍या से अधिक है और यह ब्राजील की 21 करोड़ व नाइजीरिया की 20 करोड़ जनसंख्‍या से लगभग दोगुनी है। मैक्सिको की 12.8 करोड़ व जापान की 12.6 करोड़ जनसंख्‍या से तीन गुना अधिक है। इस लिहाज से भारत की सफलता विश्‍व समुदाय के लिए भी इस संदर्भ में बहुत अधिक प्रेरक है कि जल संरक्षण को लेकर न केवल गंभीरता से काम करने की जरूरत है,  बल्कि इसके लिए एकजुट होने की भी जरूरत है, क्‍योंकि दुनिया के बहुत से देशों में जल संकट एक बड़ी समस्‍या है। अगर, इस क्षेत्र में संयुक्‍त प्रयास किए जाएंगे तो उसके परिणाम और भी अधिक प्रभावशाली होंगे।  

 

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