योग के फायदे | Benefits Of Yoga

भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमदभागवत् गीता में Yoga को परिभाषित करते हुए कहा है-योग कर्मसु कौशलम् अर्थात कर्मों की कुशलता का नाम योग है। योग की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द, 'यूज' (YUJ) से हुई है। इसका मतलब है जुड़ना, कनेक्ट या एकजुट होना। यह सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का संघ भी है। Yoga 5000 साल पुराना भारतीय दर्शनशास्त्र है। इसका सबसे पहले प्राचीन पवित्र पाठ-ऋग्वेद में उल्लेख किया गया था (वेद आध्यात्मिक जानकारी, गीत और ब्राह्मणों द्बारा इस्तेमाल होने वाले अनुष्ठानों, वैदिक पुजारियों के ग्रंथों का एक संग्रह था)। हजारों सालों से भारतीय समाज में योग का अभ्यास किया जा रहा है। योग करने वाला व्यक्ति अलग-अलग क्रियाएँ करता है, जिसे आसन कहते हैं। योग उन लोगों को लाभ प्रदान करता है, जो इसका नियमित रूप से इसका अभ्यास करते हैं। योग में किए गए व्यायाम को 'आसन' कहा जाता है, जो शरीर और मन की स्थिरता लाने में सक्षम होता है।


विश्व योग दिवस | World Yoga Day

भारत की पहल पर विश्व योग दिवस का शुभारंभ किया गया। आज पूरी दुनिया योग का लोहा मानती है। हर साल 21 जून को यह दिवस मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को सयुंक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में की थी। इसके बाद ही 21 जून को International Yoga Day (अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस) घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्बारा 21 जून को ''International Yoga Day’’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली।


 बढ़ा Yoga का महत्व | Increased the importance of Yoga  

आज की भागदौड़ भरी जिदंगी में Yoga का महत्व काफी बढ़ गया है। अगर, मन को शांत और तन को फिट रखना है तो योग को अपनाना होगा। पहले जहां केवल आयुर्वेदिक रूप से ही योग को महत्व दिया जाता था, वहीं आज योग एक वैज्ञानिक रूप से भी उभरकर सामने आया है। यही कारण है कि आज चिकित्सक भी मरीजों को योग के प्रोत्साहित करते हैं। योग में बहुत शक्ति होती है। यह न केवल आंतरिक बल्कि बाहरी शक्ति भी प्रदान करता है। योग नकारात्मक विचारों से मुक्ति दिलाकर सकारात्मक विचारों को मन में पैदा करने में मदद करता है। योग शुगर, कब्ज जैसी बामारियों को तो दूर करता ही है, बल्कि मन को भी शांत रखता है। अधिक काम के दबाव की वजह से आने वाले तनाव को भी कम करता है। आइए योग के फायदों के बारे में जानते हैं।

तनाव से मुक्ति | Relief From Stress

आज की भागदौड़ भरी जिंद्गी में कोई ऐसा शख्स नहीं है, जो तनाव से ग्रसित नहीं है। या यूं कहें कि प्रतिस्पर्धी जीवन शैली का तनाव तो हिस्सा होता ही है। धीरे-धीरे तनाव इतना बढ़ जाता है कि वह जीवन के लिए घातक साबित होने लगता है। इसलिए जरूरी है कि स्वयं को तनाव से दूर रखा जाए और स्वथ्य जीवन जिया जाए।


शरीर और मन को रखता है फिट | Keeps Fit Body And Mind

योग की यह बहुत खासियत है कि यह शरीर को तो फिट रखता ही है, बल्कि मन को भी फिट रखता है। अगर, हम एक्सरसाइज के लिए जिम जाते हैं तो उससे शरीर की ही एक्ससाइज हो पाती है। हम मन की एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं। योग का संबंध मन से ही जुड़ा होता है, जिसमें ध्यान से लेकर तमाम ऐसी क्रियाएं होती हैं, जो मन को शांति प्रदान करने वाली होती हैं।


रोगों से मिलता है छुटकारा | Get Rid Of Diseases

अगर, हमारा शरीर और मन स्वस्थ्य रहेगा तो निश्चित ही बीमारियां हमारी पास से गुजरने में भी डरेंगी। अगर, शरीर में कुछ रोग भी हैं तो योग में बहुत सी क्रियाएं ऐसी होती हैं, जिनके माध्यम से हम उन रोगों को हरा सकते हैं, क्योंकि योग रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

ब्लड शुगर लेवल को करता है नियंत्रित | Controls Blood Sugar Level

योग ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित करने में मदद्गार साबित होता है। अगर, ब्लड शुगर लेवल बढ़ा भी है तो उसे भी कम करता है। इसीलिए योग शुगर के मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। योग बैड कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है।

अच्छी नींद आने में मदद्गार | Help You Sleep Well

नींद का संबंध तनाव से होता है। अक्सर, तनाव में ही नींद नहीं आती है। पर योग का संबंध अच्छी नींद आने से भी है। अगर, हम योग कर अपने मन को तनाव से दूर रखेंगे तो हमें अच्छी नींद आएगी। अच्छी नींद का संबंध स्वस्थ्य रहने से होता है। इसीलिए योग कर हम तनाव से दूर रहेंगे और तनाव से दूर रहेंगे तो अच्छी नींद आएगी।

पाचन क्रिया को सही रखने में फायदेमंद | Beneficial In Correcting The Digestive System

योग पाचनक्रिया को भी सही रखता है। पाचनक्रिया का संबंध हमारे आंतरिक सिस्टम से होता है। अगर, जिस प्रकार हमें शरीर को फिट रखने के लिए एक्ससाइज करनी पड़ती है, उसी प्रकार आंतरिक सिस्टम को भी चुस्त रखना जरूरी होता है। योग में बहुत सारी ऐसी क्रियाएं हैं, जो पाचन क्रिया के सुस्त सिस्टम को एक्टिव करने में मदद्गार साबित होते हैं।

योग के प्रकार | Types Of Yoga

अर्ध चंद्रासन | Ardh Chandraasan



आसान की तरीका | Posture Method

इस आसान को खड़े होकर किया जाता है। जब इस आसान को करते हैं तो शरीर की स्थिति अर्धचंद्र के सामान हो जाती है, इसीलिए इस आसान को अर्धचंद्रासन नाम दिया गया है।

लाभ | Benefit

यह आसान शरीर को कई तरह के फायदे देता है। खासकर, किडनी, लीवर, गर्दन, छाती व लंग्स आदि को एक्टिव रखने में मदद करता है।

सुखासन | Sukhaasan



आसन की तरीका | Posture Method

सुखासन में पालथी मारकर ध्यान की मुद्रा में बैठना पड़ता है। यह आसन मन को शांति प्रदान करने वाला होता है।

लाभ | Benefit

यह आसान मन और शरीर को स्थिर रखने में मदद करता है। अगर, मन शांत होता है तो उससे एक्रागता बढ़ती है। इससे रीढ़ की हड्डी की दिक्कतें भी कम होती हैं।

व्रजासन | Vrajasan




आसन की तरीका | Posture Method

इस आसान में घटनों के निचले हिस्से की मदद से बैठना होता है। शरीर का पूरा भार पैरों के उस हिस्से में आ जाता है। यह अन्य आसनों की तरह ही बेहद आसान होता है।

लाभ | Benefit

इस आसन का नाम ही व्रजासन। व्रज यानि मजबूत। यह शरीर को मजबूती प्रदान करता है। इसको खाना खाने के बाद किया जाए तो बहुत अच्छा होगा। इस आसन को करने से पेट और कमर की चर्बी भी कम होती है। अगर, इस आसन को रोज किया जाए तो साइटिका के दर्द से भी फायदा मिलता है।

दंडासन | Dandasan




आसन की तरीका | Posture Method

यह आसन भी बैठकर किया जाने वाला आसान होता है। जिसमें बैठकर पैर बिल्कुल सीधे रखे जाते हैं। हाथों को भी शरीर के साथ रखते हुए हथेली के बल जमीन पर रखना होता है और शरीर और सिर को सीधा रखना होता है।

लाभ | Benefit

इस आसन को करने से हाथ और पैरों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

भुजंगासन | Bhujangasan



आसान का तरीका | Posture Method

यह आसन पेट के बल लेटकर किया जाता है, जिसमें पैरों को सीधा रखा जाता है और हथेलियों के बल पर शरीर के उपरी हिस्से को जमीन से उपर रखा जाता है। इस आसन को करते समय शरीर की आकृति सर्प के फन की तरह हो जाती है। इसीलिए इसे भुंजगासन कहा जाता है।

लाभ | Benefit

यह आसान पीठ व रीढ़ की हड्डी के लिए उपयोगी माना जाता है। यह शरीर को चुस्ती प्रदान करता है। अगर, इस आसान को करते वक्त आपको पेट व शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द महसूस हो रहा हो तो इस आसान को करने से बचें।

गोमुख आसन | Gomukh Aasan



आसन का तरीका | Posture Method

इस आसान में गाय के मुंह की तरह एक सिरे पर पतला और दूसरे सिरे पर चौड़ी आकृति बनानी पड़ती है। गोमुख आसन में गाय के मुख के समान आकृति बन जाती है। यही वजह है कि इसे गोमुख आसन कहा जाता है।

लाभ | Benefit

पैरों की ऐंठन को दूर करने, कंधे मजबूत बनाने और हड्डी की स्थिरता को बनाए रखने में यह आसान महत्वपूर्ण होता है। यह आसान महिलाओं के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।

बाल आसन | Baal Aasan



आसन का तरीका | Posture Method

बाल आसान में बैठकर एक बच्चे की तरह अपने हाथों और शरीर को आगे की तरफ झुकाना होता है और माथे और नाक को जमीन से टच करना होता है।

लाभ | Benefit

बाल आसान के भी बहुत सारे फायदे हैं। इसे कमर की मांसपेशियों के लिए आरामदेह माना जाता है। यह आसन कब्ज की समस्या को भी दूर करने में मदद्गार साबित होता है। यह शरीर का ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है। इस आसन को करने से थकावट भी दूर होती है और यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में भी मदद्गार साबित होता है।

मार्जरी आसन | Marjari Aasan



आसन की तरीका | Posture Method

इस आसान में बिल्ली की तरह आकार बनता है। इसमें घुटनों और हाथों के बल खड़ा होना होता है यानि मेज के आकार की तरह बनना होता है। मार्जर आसान को बिल्ली आसन भी कहा जाता है।

लाभ | Benefit

इस आसन से भी कई तरह के फायदे होते हैं, इससे शरीर में एक्टिवनस आती है। यह कंधों और कलाई की क्षमता को भी बढ़ाता है। इससे पाचन क्रिया को सही रखने में भी मदद मिलती है। यह पेट को सुडौल बनाता है और ब्लड सर्कुलेशन भी इससे सही रहता है।

शवासन | Savasan



आसन की तरीका | Posture Method

इस आसन में शरीर को मृत शरीर की तरह बनाना होता है। इसीलिए इसे शवासन आसान कहा जाता है। इसमें मन को भी शन्यूभाव में रखना पड़ता है।

लाभ | Benefit

यह आसन शरीर और मन को शांति प्रदान करता है। यौन संबंध को सही रखने में भी इस आसन को कारगर माना जाता है, क्योंकि यह शरीर और मन को उर्जावान बनाने में मदद्गार साबित होता है।

अधोमुख शवानासन | Adhomukh Savanasan



आसन की तरीका | Posture Method

अधोमुखश्वान आसन तीन शब्दों से मिलकर बना हुआ है। इसमें तीन शब्द हैं अधो यानि नीचे की ओर, मुख यानि मुंह और श्वान यानि कुत्ता। इसमें श्वान की तरह बनना पड़ता है।

लाभ | Benefit

इस आसन के भी बहुत सारे फायदे हैं। यह फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इससे टांगों, कंधों और बाजुओं को भी फायदा पहुंचता है। इसके अलावा यह आसन मस्तिष्क में रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे सिरदर्द, नींद और थकान की समस्या से राहत मिलती है।















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