मार्फिन का असमान वितरण चिकित्सा जरूरतों की पूर्ति करने में बाधक

 उच्‍च और निम्‍न आय वाले देशों में अनुमानित औसत खपत में 5 से 63 गुना अंतर

समान वितरण के लिए संतुलित नीति बनाने की आवश्‍यकता : डब्‍ल्‍यूएचओ

असहनीय दर्द और कैंसर की अंतिम स्‍टेज में काम आने वाली दवा मार्फिन का वैश्विक स्‍तर पर असमान वितरण चिकित्‍सा जरूरतों को पूरा करने में बाधक साबित हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि उच्‍च आय वाले देशों और निम्‍न आय वाले देशों के बीच मार्फिन की अनुमानित औसत खपत में 5 से 63 गुना अंतर है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की हाल ही में जारी- "लेफ्ट बिहाइंड इन पेन" (left behind in pain) शीर्षक वाली रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि अगर, समान वितरण प्रणाली को स्‍थापित करना है तो उसके लिए एक संतुलित नीति बनाना बहुत जरूरी होगा।


डब्‍ल्‍यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में
वैश्विक स्‍तर पर चिकित्सा और वैज्ञानिक जरूरतों को पूरा करने के लिए 33115 किलोग्राम मॉर्फिन का वितरण किया गया थालेकिन चिकित्‍सा खपत के दृष्टिकोण से वितरण को लेकर अत्‍यधिक असमानता देखने को मिली। हैरानी की बात यह है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में खपत के लिए 80% से अधिक मॉर्फिन का वितरण किया गयाजबकि विश्व बैंक के वर्गीकरण के आधार पर मध्‍यम और निम्‍न आय वर्ग वाले देशों में यह औसत बहुत कम थाजो इस बात को दर्शाने के लिए काफी है कि वितरण प्रक्रिया में संतुलन नहीं होने की वजह से बहुत सारे जरूरतमंदों तक मॉर्फिन पहुंच ही नहीं पा रही है।

रिपोर्ट में बताया गया गया है कि मॉर्फिन (यानी फेंटेनाइल, हाइड्रोकोडोन, हाइड्रोमोफोन, ऑक्सीकोडोन और पेथिडाइन) के अलावा अन्य मजबूत ओपिओइड की खपत के लिए समान रुझान देखे गए। 2021 में, मॉर्फिन के अलावा अन्य मजबूत ओपिओइड का सामूहिक खपत स्तर आर्थिक रूप से उच्‍च, मध्‍यम, निम्‍न मध्‍यम वर्ग और निम्‍न श्रेणी के अंतर्गत आने वाले देशों में क्रमश: 3028.6, 152.3, 6.7 और 2.4 डीडीडी प्रति मिलियन था। इसका मतलब यह था कि चिकित्सा उपयोग के लिए मॉर्फिन और अन्य मजबूत ओपिओइड तक लोगों की पहुंच को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं।

ओपियोड के समग्र खपत स्तर और ओपियोड के लिए चिकित्सा आवश्यकता के बीच कोई सहसंबंध नहीं देखा गया था, हालांकि कुछ निम्न-आय वाले देशों की ज़रूरतें उच्च-आय वाले देशों की तुलना में थीं, पूर्व में ओपिओइड की खपत का स्तर बहुत कम था। कई निम्न-आय वाले देशों में मॉर्फिन की खपत आनुपातिक रूप से अन्य ओपिओइड की तुलना में अधिक थी। इससे पता चलता है कि निम्न-आय वाले देश अपनी जनसंख्या की चिकित्सा आवश्यकता को पूरा करने के लिए मॉर्फिन पर बहुत अधिक निर्भर हैं। इस कारण से, इन देशों में जिन लोगों को दर्द से राहत की आवश्यकता है, वे मॉर्फिन की अनुपलब्धता से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

दरअसल, मॉफिन को बेचने के लिए नारकोटिक्‍स विभाग ने अनुमति लेना आवश्‍यक होता है, अगर, कोई भी बिना नारकोटिक्‍स विभाग की अनुमति के बगैर इस दवा को बेचता है तो उसे दो से तीन साल की जेल हो सकती है, इसीलिए यह दवा मेडिकल स्‍टोरर्स पर नहीं मिल पाती है। केवल अस्‍पतालों में ही बिकती है, ऐसे में उन देशों में इस दवा की कमी देखने को मिलती है, जो आर्थिक रूप से मध्‍यम या निम्‍न आयवर्ग में शामिल हैं।

डब्‍ल्‍यूएचओ मॉडल सूची के पहले संस्‍करण में 1977 से है सूचीबद्ध

 दरअसल, मार्फिन गंभीर दर्द से राहत के लिए एक प्रभावी और अपेक्षाकृत कम लागत वाली दवा है, जो आवश्यक दवाओं की डब्ल्यूएचओ मॉडल सूची के पहले संस्करण में 1977 से सूचीबद्ध है। रिपोर्ट के मुताबिक समान धन वाले देशों में उपभोग का पैटर्न महत्वपूर्ण रूप से भिन्न होता है,  लिहाजा यह चिकित्सा आवश्यकता के अनुरूप नहीं है। डब्‍ल्‍यूएचओ द्वारा जारी रिपोर्ट का डेटा लैंसेट कमीशन 2018 की तरह है, जिसने दर्द निवारक दवा तक पहुंच की कमी को वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य में सबसे जघन्‍य, छिपी हुई असमानताओं में से एक के रूप में वर्णित किया है, जिसमें सबसे अमीर देशों में 90 प्रतिशत दवा का वितरण होता है, लेकिन कम आय वाले देशों में 10 प्रतिशत का वितरण होता है, जो दवा के वितरण में असमानता को खुलतौर पर प्रदर्शित करता है। मॉर्फिन दवा का इस तरह का असमान वितरण लोगों को दर्द में छोड़ने के लिए जिम्‍मेदार है। खासकर, यह दर्द प्रबंधन की नाकामी है, जिन पर दर्द के लिए प्रभावी दवा उपलब्‍ध कराने की जिम्‍मेदारी है।

असमान वितरण के लिए कई कारक हैं जिम्‍मेदार

डब्‍ल्‍यूएचओ की रिपोर्ट में मॉर्फिन के असमान वितरण के लिए कई कारकों को जिम्‍मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चिकित्सा उपयोग के लिए मॉर्फिन तक पहुंच कई अंतःक्रियात्मक कारकों से प्रभावित होती है,  जिसमें मुख्‍यतया सुशासन से संबंधित समर्थक, विश्‍वसनीय आपूर्ति, कुशल आपूर्ति प्रक्रिया और संसाधन उपलब्‍धता और क्षमता निर्माण गतिविधियों के साथ-साथ संबंधित नीतियों और कानून प्रतिबंधात्‍मक, अपर्याप्‍त सेवा प्रावधान शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सीमित वित्त पोषण के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉर्फिन और अन्य मजबूत ओपिओइड की अनियमित आपूर्ति को आमतौर पर उच्च आय वाले देशों की तुलना में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बाधा के रूप में देखा जाता है। 

सुधार की आवश्‍यकता

रिपोर्ट में जोर दिया गया है कि अगर, दवा के असमान वितरण को दूर करना है तो मॉर्फिन तक सुरक्षित पहुंच में सुधार लाने पर आवश्‍यक रूप से ध्‍यान देने की जरूरत है। इसके अंतर्गत चिकित्‍सा उपयोग के लिए मॉर्फिन तक पहुंच में सुधार के लिए छोटे पैमाने पर क्षेत्रीय या राज्‍यव्‍यापी कार्यक्रमों को लागू किए जाने पर बल देना होगा, साथ ही जरूरी सेवाओं और देखभाल की दृष्टि से उत्‍पाद का एक पैकेज बनाया जाए, जिसे आवश्‍यक दवाओं की डब्‍ल्‍यूएचओ मॉडल सूची के मानकों के आधार पर तैयार किया जाए, इसके लिए जरूरी है कि इस अक्षमता को दूर करने के लिए शासन में सुधार के साथ ही खरीद और आपूर्ति प्रक्रियाओं को सुव्‍यवस्थित करने के लिए जरूरी संसाधनों को बढ़ाया जाए। जैसे कि स्थिर वित्‍त पोषण स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों के सक्षम कौशल सेट को बढ़ाया जाए और ऐसी दवाओं के लाभ और संभावित नुकसान के बारे में समान रूप से जागरूकता फैलाई जाए।

 

क्‍या है मॉफिन दवा 

दरअसल, मॉफिन दवा अफीम से बनती है और इससे मरीज निष्क्रिय हो जाता है, इसीलिए उसे दर्द का अनुभव कम होता है। लिहाजा, यह कैंसर के अंतिम स्‍टेज में मरीजों के लिए कारगर साबित होती है। चिकित्‍सकों के मुताबिक इस दवा को लेने के बाद उनका दर्द 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

 

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