पर्यटन उद्योग #Tourism
Industry# किसी भी देश के
आर्थिक ग्रोथ का महत्वपूर्ण माध्यम होता है। दुनिया में भारत इसके एक बड़े
उदाहरण के रूप में सामने आया है। खासकर, पिछले 10 वर्षों में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने
के प्रति सरकार ने जिस तरह रुचि दिखाई है, उसने पर्यटन के क्षेत्र में असीम
संभावनाओं के द्वार खोले हैं, जो देश की जीडीपी बढ़ाने में
तो सहायक हो ही रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी
महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

वर्तमान में, पर्यटन उद्योग का भारत की कुल
जीडीपी में लगभग 6.23% का योगदान है, जिसको केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने आगामी कुछ
वर्षों में 10% तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जो निश्चित ही इस बात का परिचायक है कि केंद्र
सरकार पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के प्रति वाकई गंभीर है। अगर, रोजगार के दृष्टिकोण से देखें
तो पर्यटन उद्योग का रोजगार में योगदान 8.7 प्रतिशत है और जिस तरह सरकार आधुनिक टूरिज्म को
बढ़ावा देने पर दिलचस्पी दिखा रही है, उससे कई गुना रोजगार
के और अवसर बढ़ेंगे।
आकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि भारत में
प्रतिवर्ष औसतन 50 लाख विदेशी पर्यटकों का आगमन होता है, जबकि इससे भी अधिक लगभग 56.2
लाख घरेलू पर्यटक एक से दूसरे राज्यों और शहरों की आवाजाही करते हैं। पर्यटकों का
भ्रमण बढ़ने से न केवल पर्यटन कारोबार बढ़ रहा है, बल्कि स्थानीय
लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। इस साल मई 2024 में पर्यटन उद्योग से 2.13 अरब डॉलर की आय हुई, जो अप्रैल
महीने की तुलना में 1.7 फीसदी अधिक थी, हालांकि मार्च 2024 में इससे अधिक 3.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी, जो देश की
अर्थव्यवस्था को गति देने के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा है।
पिछले
साल दिसंबर और इस साल जनवरी व फरवरी तक पर्यटन क्षेत्र से कमाई करीब 3 अरब डॉलर के
स्तर पर पहुंची थी। पिछले चार वर्षों में पर्यटन क्षेत्र से सर्वाधिक 3.2 अरब
डॉलर की आमदनी दिसंबर 2019 में हुई थी। वैश्विक महामारी कोविड-19 के
दौरान पर्यटन उद्योग की गति जरूर कम हुई थी, लेकिन उसके
बाद स्थिति में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिला है। विदेशी पर्यटकों के भारत भ्रमण
के साथ ही स्वदेशी पर्यटक भी एक-दूसरे राज्यों और शहरों का भ्रमण करने में रुचि
दिखा रहे हैं। दुनिया के अधिकांश देशों से पर्यटक भारत आ रहे हैं, लेकिन साल 2024 के शुरुआती पांच महीनों की बात करें तो भारत में सबसे अधिक
विदेशी पर्यटक बांग्लादेश से आए, जिनका औसत 20.3 फीसदी रहा।
उसके बाद अमेरिका (16.7 फीसदी), ब्रिटेन (10.5 फीसदी),
कनाडा (4.8 फीसदी) और ऑस्ट्रेलिया से आने
वाले विदेशी पर्यटकों का औसत 4.4 फीसदी रहा। विदेशी पर्यटकों का भारत आने के प्रति
रुचि दिखाना इस बात का परिचायक है कि सरकार द्वारा पर्यटन के विकास की दिशा में
उठाए जा रहे कदम उन्हें भारत आने के प्रति आकर्षित कर रहे हैं, जो देश के आर्थिक विकास को गति देने का काम कर रहे हैं।
हाल के वर्षों में, केंद्र सरकार ने पर्यटन
उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जिनसे कारोबार, रोजगार के अवसर तो बढ़ ही रहे हैं, बल्कि देश की वैश्विक
पर्यटन मानचित्र पर भी स्थिति मजबूत हुई है। पर्यटन से जुड़े विभिन्न क्षेत्र जैसे
होटलों, परिवहन सेवाओं,
गाइडों और खानपान उद्योग
में लोगों को अच्छी-खासी संख्या में रोजगार पैदा हो रहे हैं, इसके अतिरिक्त पर्यटन स्थानीय कारीगरों, हस्तशिल्प और छोटे
व्यापारियों के लिए भी महत्वपूर्ण आय का स्रोत बन गया है।
केंद्र सरकार ने जिस तरह भारतीय पर्यटन उद्योग को संगठित और
प्रभावी बनाने के लिए नई पर्यटन नीति की शुरुआत की है, उससे इस उद्योग को और भी गति मिल रही है, क्योंकि नई पर्यटन नीति के तहत
सरकार ने पर्यटन के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक समग्र
दृष्टिकोण अपनाया है, इसमें सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन
को प्रोत्साहित करने के साथ ही इको-टूरिज्म और एडवेंचर पर्यटन पर भी विशेष ध्यान दिया
जा रहा है। इसके लिए सरकार ने जिस तरह पर्यटन
स्थलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, वह अत्यंत लाभकारी साबित हो रही हैं। इस दिशा में "सर्किट" आधारित योजनाओं के तहत प्रमुख
पर्यटन स्थलों को जोड़ने और उन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस करने पर जोर दिया जाना
अत्यंत ही महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं, आधुनिक तकनीक का उपयोग
भी पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स-जैसे कि ऑनलाइन बुकिंग और वर्चुअल टूर जैसी व्यवस्था ने पर्यटन को सरल और सुगम बनाया है।
"आत्मनिर्भर भारत" योजना के तहत, स्थानीय पर्यटन स्थलों और उनके प्रचार
के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग बढ़ाए जाने से स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ मिल रहा
है। विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने वीजा सुविधाओं में
सुधार किया है।
ई-वीजा प्रणाली और वीजा ऑन
अराइवल जैसी सुविधाएं विदेशी यात्रियों के लिए भारत की यात्रा को और भी आसान बना
रही है। इसके अतिरिक्त, "अतिथि देवो भवः" अभियान के तहत, भारतीय आतिथ्य संस्कृति को बढ़ावा
दिया जा रहा है, जो विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में मददगार साबित हो रहा है। वहीं, स्थानीय समुदायों को पर्यटन विकास में
शामिल करने के लिए भी कई योजनाएं लागू की गई हैं। सामुदायिक पर्यटन और स्थिरता पर
ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार ने स्थानीय लोगों को पर्यटन गतिविधियों में शामिल करने और
उनके जीवन स्तर को सुधारने के प्रयास किए हैं। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था
को प्रोत्साहन मिल रहा है, बल्कि पर्यटकों को भी एक प्रामाणिक और समृद्ध अनुभव मिल रहा है।
लेकिन बदली हुई परिस्थितियों के बाद भी कुछ चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। इन चुनौतियों में पर्यावरणीय
प्रभाव, अवसंरचनात्मक सीमाएं और सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं। लिहाजा, इन समस्याओं को सुलझाने के लिए निरंतर सुधार और
प्रौद्योगिकी का उपयोग अत्यंत आवश्यक है, जिस पर सरकार को ध्यान देना होगा। वहीं, सरकार को पर्यटन उद्धोग
की स्थिरता और वृद्धि के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनानी होंगी, जिसमें पर्यावरणी संरक्षण और
समुदायों की भागीदारी को प्राथामिकता देना अत्यंत आवश्यक होगा। इसके अलावा,
वैश्विक पर्यटन प्रवृत्तियों के अनुरूप अद्यतन और नवाचार से भारत के
पर्यटन उद्योग को और मजबूती मिल सकेगी।
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