वाह ! सेना को भी बना डाला राजनीतिक हथियार



   यूपी के चुनाव को लेकर गहमागहमी का आलम यह है कि उसमें भी सेना द्बारा पीओके में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को घुसाया जा रहा है। अब देखिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को, उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर ही ऐसा बयान दे दिया, जिससे लोगों में बौखलाहट होना तो लाजिमी था। अब थोड़ा राहुल जी के बयान पर भी गौर फरमा लीजिए। उन्होंने कह दिया मोदी जी ने 'जवानों के खून की दलाली’ की है।
   
कितनी बचकानी बात कह डाली राहुल बाबू आपने। कुछ दिन पहले ही आपने कहा था कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर हम सरकार के साथ खड़े हैं और आज कह रहे हो 'जवानों की खून की दलाली’। आपको कम-से-कम यह समझ होनी चाहिए कि राजनीति में सेना और उसके काम को न घसीटा जाए। सेना का काम बयान देने से नहीं चलता है, बल्कि उसे काम करना होता है, जो उसने पीओके में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में कर दिया। पर इस पर कुछ बोलने की जरूरत कहां से आन पड़ी।
   यही हाल केजरी बाबू को भी है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तो उन्होंने भी कहा नहीं हम देश की सुरक्षा मामलों में सरकार के साथ हैं, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक का उनके द्बारा सबूत मांगा जाना बड़ा ही अजीब लगा। सामाजिक मुद्दों पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जाती हैं, लेकिन सेना के मामले में तो राजनीतिक रोटियां मत सेको हमारे देश के होनहार नेता लोगों। इससे देश को मजबूती नहीं मिलने वाली और न ही आपका कोई राजनीतिक हित होने वाला है।

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