मोदी के साहसिक फैसले से सीख लेने की भी है जरूरत


  बैंकों में नोट बदलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शुक्रवार से एटीएम भी खोल दिये गये हैं। बैंकों व एटीएम बूथों पर लंबी-लंबी कतारें आसानी से देखी जा सकती हैं। भीड़ चौंकाने वाली है। नोट खत्म होने व कतार में काफी देर तक खड़ा रहने से लोगों को दिक्कतें भी झेलनी पड़ रही हैं, लेकिन एक बात जो उत्साहित करती है, वह यह है कि लोगों में नये नोट हासिल करने की चाह काफी दिख रही है। परेशानी झेलने के बाद भी लोग सरकार के फैसले की खुलकर सराहना भी कर रहे हैं। 
  उन लोगों में भ्रम जरूर बना हुआ है, जो न तो पैसे जमा करने व न ही निकालने के नियमों से वाकिब हैं और न ही इस बात से अवगत हैं कि टैक्स की सीमा क्या रखी गई है ? इसीलिए बहुत से लोग अभी घरों के अंदर जमा धनराशि को निकालने से कतरा रहे हैं, जबकि उन्हें यह समझने की जरूरत है कि वे धनराशि को बैंकों में जमा कर दें और नियम व शर्तों के तहत सरकार का टैक्स भर दें। अगर, वे ऐसा नहीं करते हैं तो निर्धारित समय-सीमा के बाद तो उस धनराशि की कोई वैल्यू ही नहीं रह जायेगी, क्योंकि मोटी रकम वाले लोगों की तदाद कम नहीं हैं। सरकार ने सीध्ो तौर पर कहा है कि टैक्स की निर्धारित सीमा के बाद जो भी धनराशि जमा होगी उस पर टैक्स लगेगा। उन्हें बकायदा अपने आय के स्रोत भी बताने होंगे। ऐसी परिस्थिति में जिस तरह देश के विभिन्न हिस्सों से खबर आ रही है कि करोड़ों जला दिये गये हैं, बोरों में भरकर करोड़ों इधर-उधर फेंक दिये गये हैं आदि...। आने वाले दिनों में इस तरह की घटनायें और देखने को मिलेंगी, क्योंकि जब इस तरह से कालेधन को जमा किया जाएगा तो उसका परिणाम ऐसा ही होगा। जिस कालेधन को कलेजे से लगाकर रखा गया है, उसे जलाना पड़ेगा, फेंकना पड़ेगा। बेहतर तो यह होना चाहिए कि उसे बैंक में जमा कर दिया जाये। 
  लोगों को सरकार को टैक्स देने से बचना नहीं चाहिए। जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है कि केन्द्र सरकार के इस फैसले से 45 लाख करोड़ रुपये टैक्स के तौर पर जमा होंगे। जाहिर सी बात है इससे देश की अर्थव्यवस्था की शक्ल मजबूत होगी। शिक्षा, रोजगार से लेकर तमाम महंगी चीजें सस्ती हो जाएंगी। ये चीजें आम लोगों की पहुंच के करीब होंगी। जो लोग यह सोचकर आय से अधिक धनराशि को छुपाकर रखते हैं, वे देश के साथ अन्याय कर रहे हैं। मोदी के साहसिक फैसले से लोगों को बड़ी सीख भी लेने की जरूरत है, क्योंकि जब आय से अधिक धनराशि कालेधन के रूप में जमा की जाएगी तो वह क्षण भर में मिट्टी भी हो सकती है। बशर्ते केन्द्र में साहसिक फैसले लेने वाली सरकार बनती रहे। 
 लिहाजा, लोगों को सरकार के इस फैसले से यह सीख लेनी होगी कि भविष्य में वे गलत तरीके से कमाई गई धनराशि को न रख्ों। सरकार के समक्ष अपने आय के स्रोतों को साफ करें। सरकार द्बारा टैक्स के लिए निर्धारित सीमा के बाद टैक्स भरना सुनिश्चित करें। अगर, सरकार के खाते में टैक्स जमा होगा तो देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। शिक्षा, चिकित्सा व छत हासिल करना आम लोगों के लिए भी आसान होगा। देश में चिकनी-चिकनी सड़कें बनना आसान होगा। तमाम तरह की ऐसी योजनाएं शुरू हो सकेंगी, जिनकी जरूरत देश के विकास के बहुत जरूरी है। 



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