दुनिया को भारत से जोड़ने का माध्यम बना योग


  बुधवार को विश्व योग दिवस मनाया गया। बड़ा उत्साह देखने को मिला योग दिवस पर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी योग दिवस पर लखनऊ में 5० हजार लोगों के साथ योग किया। उन्होंने इस मौके पर योग को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की। सच भी है, जिस तरह आज हर किसी के मन में योग रम गया है, उसमें भारत की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, क्योंकि योग ने विश्व को भारत से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। बहुत से देश हमारी भाषा नहीं समझते, हमारी संस्कृति और परंपराओं के बारे में उन्हें बिल्कुल भी जानकारी नहीं है, लेकिन योग ऐसा माध्यम भी बन गया है, जिससे सारी दुनिया भारत से जुड़ रही है। 
  आज योग के कारण वह भारत से जुड़ रहे हैं। योग दिमाग, शरीर और आत्मा को एक साथ जोड़ता है और यह प्रक्रिया आज भारत को भी विश्व से जोड़ रही है। जिस प्रकार पिछले दो योग दिवस में उत्साह लोगों के बीच देखने को मिला, बुधवार को तीसरे योग दिवस पर भी ऐसा ही नजारा भारत समेत पूरी दुनिया में देखने को मिला। भारत के साथ-साथ दुनिया के करीब 15० देशों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। कई शहरों में लोगों ने बारिश के बाद भी योग शिविर में हिस्सा लिया, अंदाजा लगाया जा सकता था कि लोगों में योग के प्रति किस प्रकार का क्रेज है। भागदौड़ और तनाव भरी जिदंगी में लोगों को तमाम बीमारियों से घ्ोर रखा है। उनमें बीमारियों का औसत बढ़ रहा है, लेकिन योग ने जिस प्रकार मानवजीवन को दिमाग और मन की शांति दी है, उससे न केवल उन्हें बीमारियों पर जीत हासिल हो रही है बल्कि उन्हें असीम मन की शांति भी योग के माध्यम से मिल रही है। लिहाजा, योग के प्रति लोगों का क्रेज न हो, ऐसा बिल्कुल भी नहीं माना जा सकता है। 
  कुल मिलाकर योग हमें बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। इसका नतीजा यह होता है कि इससे मनुष्य की कुशलता भी कुई गुना बढ़ जाती है। दूसरा भारत ने कई प्रकार की सभ्य और परंपरागत संस्कृतियों का जन्म दिया है, जो पूरे विश्व में प्रचारित और प्रसारित भी है। बहुत से देशों के लोग भारतीय संस्कृति से बेहद प्रभावित भी नजर आते हैं, लेकिन जिस प्रकार योग ने विश्व को भारत की तरफ खींचा है, वह अपने-आप में बड़ी बात है जहां पहले भारत में ही योग को ज्यादा महत्व दिया जाता था, लेकिन आज पूरी दुनिया में योग को महत्व दिया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। यह भारतीयों की तपस्या ही है कि आज दुनिया उसके करीब आना चाहती है।
 वैसे तो योग की परंपरा देश में पहले से ही थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में जिस तरह योग प्रचारित और प्रसारित हुआ है, उसने निश्चित ही दुनिया में भारत को ऊंचा स्थान दिलाया है। यह भारतीयों की परंपरा ही है कि जो दुनिया भर के लोगों के जेहन में गहरा असर छोड़ती है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि योग दुनिया के कोने-कोने में फैलेगा और इससे दुनिया का कोई भी देश अछूता नहीं रहेगा, क्योंकि यह स्वस्थ्य रहने की बहुत ही अच्छी परंपरा है।


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