अब यहां पैसा निवेश करना चाहते हैं लोग | People want to invest money here now


आर्थिक अनिश्चितता और शेयर बाजार में अस्थिरता के चलते नया घर खरीदने पर विचार करने को दे रहे अधिक महत्व
कोविड-19 महामारी की वजह से आर्थिक अनिश्चितता और शेयर बाजार में अस्थिरता चरम पर है। इसका फायदा रियल एस्टेट को मिल सकता है। शेयर बाजार में पैसा लगाने के बजाय लोग अब परिसंपत्ति के रूप में घर खरीदने पर विचार करने को अधिक महत्व दे रहे हैं। इसका क्रेज दक्षिणी बाजारों यानि बेंग्लुरू और चेन्नई में पहले दिख सकता है, जबकि उसके बाद दिल्ली-एनसीआर और मुबंई जैसे बाजारों में क्रेज बढ़ेगा। ऐसा इसीलिए, क्योंकि इन बड़े बाजारों में निर्माण के विभिन्न चरणों में अनसोल्ड इन्वेंट्री के उच्च स्तर के साथ-साथ बिक्री में लंबे समय तक मंदी के कारण अधिक से अधिक वाईटीएस (years to sell) हैं और छह महीने से अधिक समय तक अपने घर खरीद के फैसले को स्थगित करने वाले भावी होमबॉयर्स का अनुपात भी इन बड़े बाजारों में अधिक है। प्रॉपर्टी के इस बाजार में लचीलापन भी देखने को मिलने वाला है, जिससे होमबॉयर्स भी घर खरीदने के निर्णय में देरी नहीं करना चाहते हैं। लोगों के ऐसे रूझान इसी साल जून-जुलाई में जेएलएल द्बारा होम बॉयर्स प्रिफिरेंस- द कोविड-19 इम्पेक्ट नाम से किए गए सर्वेक्षण में सामने आए हैं। इस सर्वेक्षण के दौरान मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंग्लुरू, पुणे, चेन्नई और हैदराबाद के 2,500 लोगों को शामिल किया गया।


छह माह में नया घर खरीदना चाहते हैं 50 फीसदी लोग
 सर्वेक्षण में शामिल लोगों में 50 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो 6 माह की समयावधि में नए घर के रूप में परिसंपत्ति खरीदने पर विचार कर रहे हैं, हालांकि घर खरीदने की चाहत तो 91 फीसदी लोगों ने दिखाई, लेकिन 50 फीसदी के अलावा अन्य लोग आश्वस्त नहीं थे के वे कब तक घर खरीदेंगे। 67 फीसदी लोगों ने माना कि घर खरीदना आवश्यकता है कि विलासिता। कोविड-19 महामारी के बाद नौकरियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ी है। इसीलिए लोगों को लगता है कि इससे उनकी अल्पकालिक निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हुई है। यह उनके लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय है। ऐसे में, उनका मानना है कि अभी रियल एस्टेट बाजार में लचीलापन है, इसीलिए घर खरीद लेना ज्यादा सही होगा। सर्वेक्षण में 20-35 आयुवर्ग के लोगों में जहां फिलहाल घर खरीदने की योजना को टालने की अधिक संभावना थी, वहीं 35 साल आयुवर्ग से ऊपर के लोगों ने छह माह के अंदर ही नया घर खरीदने की भरपूर इच्छा जाहिर की। संभावित होम बॉयर्स में 50 फीसदी से अधिक लोगों ने 800 से 1000 वर्ग फुट के आकार के साथ टू-बीएचके अपार्टमेंट खरीदने को अधिक प्राथमिकता देने की इच्छा जाहिर की।
 किफायती और मिड सेगमेंट बाजार बढ़ेगा आगे
परिसंपत्ति बाजार में लचीलापन रहने की वजह से किफायती और मिग सेगमेंट बाजार के आगे बढ़ने की भी पूरी संभावना है। सर्वेक्षण के आकड़ों से साफ दिखता है कि कोविड-19 महामारी के दौर में भी इसमें काफी आकर्षण बना रहेगा, खासकर सस्ती और मध्य मूल्य वाली प्रॉपर्टी में। पिछले कुछ वर्षों में 50 से 75 लाख के बीच लगभग 60 फीसदी प्रॉपर्टी ऐसी है, जिनके दाम नीचे गिर रहे हैं। सर्वेक्षण के दौरान अधिकांश लोगों ने भी इसी बात को वरीयता दी कि वे 50-75 लाख की श्रेणी की संपत्तियों को ही निवेश के दौरान वरीयता देंगे। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 को बड़े बाजारों में मूल्य युक्तिकरण-जैसे महत्वपूर्ण रूझानों को तेज करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में श्रेय दिया जा सकता है। वहीं, संभावित होमबॉयर्स के बीच एक घर के मालिक के महत्व को रीसेट करते हुए सहज खरीद और बिक्री को सक्षम करने के लिए तकनीकी प्लेटफॉर्मों का रास्ता सुगम बनाने का माध्यम भी।


स्टडी रूम तो होना ही चाहिए
 कोविड-19 की वजह से लोगों को घर से ऑफिस का काम निपटाना पड़ रहा है। इसीलिए उनकी चाहत स्टडी रूम के लिए बढ़ रही है, जिससे उन्हें एकांत में या फिर पठन-पाठन के माहौल में ऑफिस का काम करने का मौका मिल सके। सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश लोगों ने इस बात को बहुत अधिक तरजीह दी कि अगर, वे नया घर खरीदने में निवेश करेंगे तो निश्चित ही इस बात का ख्याल रखेंगे कि उस प्रॉपर्टी में स्टडी रूम अवश्य ही हो, जिससे उन्हें वर्क फ्रॉम होम के दौरान सहजता महसूस हो सके। इसके अलावा अधिकांश लोग रेडी-टू-मूव प्रॉपर्टी पर ही निवेश की इच्छा रखते हैं, वह भी प्रतिष्ठित सोसाइटीज टाउनशिप में, जहां उन्हें रहन-सहन का अच्छा माहौल मिल सके।
सबसे अधिक लचीली संपत्ति वर्ग के रूप में उभरा रियल एस्टेट 
कैसी ही मुश्किल घड़ी क्यों हो, लोग भविष्य की योजना के बारे में अवश्य सोचते हैं। इसीलिए कोविड-19 के इस दौर को इससे अलग नहीं किया जा सकता है। रियल एस्टेट बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वक्त में, रियल एस्टेट आज सबसे अधिक लचीली संपत्ति वर्ग के रूप में उभरा है, इसीलिए आज अधिक से अधिक लोगों को कम दीर्घावधि में घर के स्वामित्व की ओर बढ़ने की क्षमता को करीब से देख पा रहे हैं। वह यह भी मानते हैं कि इससे डेवलपर्स को प्रॉपर्टी बेचने से संबंधित अपने दायरे में और लचीलापन लाने की प्रेरणा भी मिली है, इससे होमबॉयर्स के सामने भी अधिक से अधिक विकल्प के दरवाजे खुलते हैं, जिनमें वो निवेश के संबंध में गंभीरता से विचार कर सकते हैं। अर्थशास्त्री सर्वेक्षण के रिसर्च प्रमुख सामंतक दास कहते हैं कि यह बहुत ही उत्साहजनक है कि सर्वेक्षण में शामिल 50 फीसदी से अधिक संभावित होमबॉयर्स ने अगले 6 माह के भीतर घर खरीदने की अपनी तीव्र इच्छा जाहिर की है। यह इसीलिए अच्छा है, क्योंकि उसी समय डेवलपर्स इस नाजुक कारोबारी माहौल में खरीदाराओं की चिंताओं के प्रति अपेक्षाकृत अधिक लीचले होंगे, जो खासकर तत्काल नकद भुगतान और आकर्षक अग्रिम भुगतान के साथ आकर्षक वित्तीय भुगतान के संबंध में होगा।

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