नीरज, दीपक सावंत व सिद्धार्थ पिठानी से पूछताछ से सुशांत मौत की कहानी हुई साफ

सीबीआई जिस अंदाज में सुशांत सिंह राजपूत मौत की कड़ी को सुलझा रही है, उस परिपेक्ष्य में बस अब कुछ ही कड़ी बच गईं हैं , जिनको सीबीआई जोड़ना है। सुशांत के स्टाफ नीरज, दीपक सावंत और सुशांत के रूममेट सिद्धार्थ पिठानी से हुई पूछताछ के बाद सीबीआई ने जो क्लू हासिल किए हैं, उससे सुशांत सिंह राजपूत की मौत की कहानी लगभग साफ हो गई है। सीबीआई को अब नीरज, दीपक सावंत और सिदार्थ पिठानी से पूछताछ में रिया संदीप सिंह की भूमिका, अंडरवर्ल्ड का कनेक्शन, रिया और संदीप के रिश्तों का सच जानना ही बाकी रह गया है। बस उसके बाद रिया और रिया के साथ शामिल मुख्य साजिशकर्ताओं का नबंर है। रिया को पूछताछ के लिए सीबीआई आज ही हिरासत में ले सकती है।



प्राथमिक एंगल में सीबीआई को पूछताछ में जो विरोधाभास लग रहा था, उसको वह बार-बार पूछताछ के बाद लगभग वह हल कर चुकी है। नीरज, दीपक सावंत और सिद्धार्थ पिठानी ने जिस प्रकार अलग-अलग बयान दिए, लगभग उसी से सुशांत मौत की मिस्ट्री साफ हो गई है। रिया ने पुलिस पूछताछ में जो भी बयान दिए थे, उनके आधार पर सीबीआई जांच तो कर ही रही है, जिसमें जादू-टोना व झाड-फूंक का ऐंगल महत्वपूर्ण है, क्योंकि पुलिस को दिए बयान में रिया ने सुशांत को मानसिक बीमार माना था। इससे वह साबित करना चाहती थी कि वह सुशांत का हर तरह से ध्यान रख रही थी। मनोचिकित्सक ही नहीं, बल्कि झाड-फूंक के जरिए भी उसकी मानसिक हालत ठीक करने की कोशिश कर रही थी। पर उसकी इस कहानी का पर्दाफाश भी हो चुका है। सीबीआई की टीम उस वॉटरस्टोर रिजॉर्ड भी पहुंची थी, जहां सुशांत दो महीने तक रहे थे, लेकिन बताया जा रहा है कि सुशांत यहां तो स्प्रिचुअल हीलिंग के लिए आए थे। ऐसे में, साफ है कि रिया ने पुलिस को सारे झूठे बयान दिए। सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस ने रिया के इन बयानों के पीछे का सच जानने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं की और वह जो बताती गई, उसी को सच मानते हुए वह जांच में रिया को क्लीनचिट देने के जुगाड़ में लगी रही। पर ऐसा नहीं हो पाया।

सुप्रीम कोर्ट द्बारा सीबीआई को जांच सौंपे जाने के बाद मुंबई पुलिस और रिया की पूरी कहानी ही उल्टी पड़ गई। जिस केस को मुबंई पुलिस दो माह में नहीं सुलझा पाई। सीबीआई ने दो दिन वह काम कर दिया, जो यह साबित करने के लिए काफी है कि वास्तव में यह आत्महत्या है ही नहीं, बल्कि एक मर्डर मिस्ट्री है और इस साजिश में शामिल लोग उसी घर में मौजूद थे। सिद्धार्थ पिठानी इस कहानी का ऐसा किरदार है, जो साजिशन सुशांत की हर एक्टीविटी को रिया तक पहुंचा रहा था। और रिया फिल्म निर्देशक महेश भट्ट के सामने अनोखा प्यार दर्शा रहीं थीं। दोनों की चैट में ईशारों-ईशारों में हुई बातचीत इस बात को साफ करती है कि रिया सुशांत की मौत से स्वयं को आजाद महसूस कर रहीं थी और महेश भट्ट उसको नई दुनिया के सपने दिखा रहे थे।

रिया सीबीआई के सामने अब चाहे कोई भी मनगढ़त कहानी लेकर क्यों आए। वह बिल्कुल भी चलने वाली नहीं है, क्योंकि सीबीआई अपने हाथ में वह हर पुख्ता सबूत ले चुकी है, जो रिया द्बारा पुलिस में दिए बयान को झूठा साबित करने वाला है। मुख्य साशिकर्ताओं तक पहुंचने से पहले सीबीआई के सामने यह बिल्कुल भी साफ हो चुका है कि इस मर्डर मिस्ट्री में हर वह शख्स शामिल है, जिसकी सुशांत की मौत की साजिश रचने और इसे आत्महत्या का रूप देने में भूमिका रही है। मुंबई पुलिस की जांच तो सबके सामने है, बल्कि उस कूपर अस्तपाल के डॉक्टरों की साजिश भी इसमें सामने आ गई है, जिन्होंने सुशांत के पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम किया था। यहां सवाल यह खड़ा होता है कि जब दिशा सालियान की मौत हुई थी तो कोविड-19 टेस्ट के नाम पर उसके पार्थिव शरीर को एक-दो दिन क्यों रखा गया, जबकि सुशांत के पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम करने में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई ? यह ऐसा सवाल था, जिस पर डाक्टरों के टीम सवालों के घेरे में थी। आखिर डॉक्टरों ने ऐसा किसके दबाव में किया ? हालांकि, पूछताछ में डॉक्टरों द्बारा यह बात मान ली गई कि पुलिस के दबाव में उन्होंने ऐसा किया। डॉक्टरों ने भले ही पुलिस दबाव में भी ऐसा किया, लेकिन यह तो साफ है कि लोग जिन डॉक्टरों को भगवान मानते हैं, उन्होंने अपने पेशे को कैसे तार-तार किया और सुशांत की मौत को आत्महत्या बनाने की साजिश में पूरा साथ दिया।

इसी अस्पताल के अंदर के दूसरे सीन से एक अलग सवाल खड़ा होता है। यह अगर, साजिश नहीं थी तो रिया ने मोर्चरी में रखे सुशांत के पार्थिव शरीर पर सिर रखकर सॉरी बाबू क्यों कहा ? जब किसी अपने की मौत होती है तो आंखों से आसुओं का सैलाब बहने लगता है। सुशांत तो रिया का प्यार था, तो फिर रिया के आंखों से आंसू गिरने के बजाय सॉरी बाबू शब्द कैसे निकला ? क्या रिया के ये शब्द यह साबित करने के लिए काफी नहीं थे कि कहीं न कहीं रिया के मन में सुशांत की मौत का बोझ था, वह तो बस उसी बोझ को मृत शरीर के उपर सिर रखकर हल्का करने आए थी। जो बोझ उसने महेश भट्ट से चैट बातचीत के दौरान ईशारों ईशारों में ही हल्का किया था। जहां तक इस मिस्ट्री के पीछे अंडरवर्ल्ड का हाथ है, वह बॉलीवुड निर्देशक व करनी सेना से जुड़े सुरजीत सिंह राठौड़ द्बारा रिपब्ल्कि भारत चैनल के शो के दौरा खुलासे के बाद साफ हो गया है। उनके द्बारा शो में अस्पताल की कहानी का सच बताने व पुलिस अधिकारी व संदीप सिंह की बातचीत के शब्दों को स्पष्ट करने से अंडरवर्ल्ड कनेक्शन की भी बात साफ हो जाती है। इसका मतलब है कि रिया व उसके गैंग द्बारा लिखी पठकथा को अंजाम देने में अंडरवर्ल्ड का भी हाथ है। मुंबई पुलिस, महाराष्ट्र सरकार, डॉक्टरों की टीम और सुशांत के रूममेट सिद्धार्थ पिठानी व स्टॉफ तो बस इस घटना को अंजाम देने के लिए महज पियादे थे। इस मर्डर मिस्ट्री में यह बड़ा संयोग ही है कि एक तरफ सीबीआई मर्डर मिस्ट्री के पुख्ता सबूतों को अपने हाथ में ले चुकी है और दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी रिया से पूछताछ में साफ कर चुकी है कि वास्तव में रिया की इनकम और खर्चों में बहुत अंतर कैसे है ? उसकी सालाना कमाई जहां लाखों में है तो उसने मुबंई के अलग-अलग हिस्सों में करोड़ों के दो फलैट कैसे खरीद लिए ? इससे साफ है कि साजिशन सुशांत के खातों से ही करोड़ों की रकम ऐंठी गई है। अगर, ऐसा नहीं है तो फिर रिया ईडी के सामने अपनी इनकम और खर्चों की सही कहानी क्यों नहीं बता पाई। सुशांत की जिस मानसिक बीमारी की कहानी को लेकर रिया शुरू से चलती रही है, उस कहानी को सुशांत के जिम पार्टनर सुनील शुक्ला ने भी झुठला दिया है। सुशांत सिह राजपूत के बारे में बात करते हुए सुनील शुक्ला ने दावा किया कि सुशांत की मानसिक क्षमता में कोई कमी नहीं थी। सुनील के अनुसार, वह सुशांत से जिम में मिलते थे और वर्कआउट करते थे। उन्होंने खुलासा किया कि ऐक्टर मल्टीविटमिन सप्लीमेंट ले रहा था। सुनील शुक्ला ने बकायदा टाइम्स नाउ चैनल से बातचीत करते हुए कहा गया कि सुशांत सिह राजपूत की हत्या की साजिश 'दो डैडी' द्बारा की गई थी। इसमें एक रिया चक्रवर्ती के जैविक पिता और दूसरा उनके 'शुगर डैडी' महेश भट्ट हैं। सुनील शुक्ला ने आगे कहा कि रिया ने अपने पिता के द्बारा दी गई दवाओं की ओवरडोज सुशांत को दी और रिया के घर छोड़कर जाने के बाद घर के किस व्यक्ति ने उसे दवा दी। यह भी साफ है, क्योंकि घर में तो सुशांत के अलावा उनके फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी, कुक नीरज और मैनेजर दीपेश सावंत ही थे। इसीलिए सीबीआई पूछताछ में तीनों के बयानों में बार-बार अंतर भी दिखा। इस पूछताछ के बाद सुशांत के परिजन सिद्धार्थ पिठानी, कुक नीरज और दीपक सावंत के खिलाफ भी मामला दर्ज कर सकते हैं। इनके बयानों में अंतर होने की वजह से सीबीआई को इनसे बार-बार पूछताछ करनी पड़ी। अब सीबीआई पूछताछ में इस कहानी का सारा कच्चा चिट्ठा एकत्रित कर चुकी है, इसीलिए रिया अब कैसे बच पाएंगी ? 

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