अब तक 4,337 यूएलबी को ओडीएफ किया गया घोषित I 4,337 ULBs declared ODF so far
- 62 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का हुआ निर्माण
- 2014 में की गई थी इस अभियान की शुरूआत
2014 में अपनी शुरूआत के बाद से स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) ने स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, दोनों ही क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। पश्चिम बंगाल के 35 शहरी स्थानीय निकायों-यूएलबी को छोड़कर 4,337 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया है, जबकि 1319 शहरों को ओडीएफ प्लस और 489 शहरों को ओडीएफ प्लस-प्लस प्रमाणित किया गया है। इसके अलावा, 62 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और 5.9 लाख से अधिक सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त, 2900 से अधिक शहरों में 59,900 से अधिक शौचालयों को गूगल मैप पर लाइव किया गया है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में, 97 वार्ड में घर-घर जाकर संग्रह करने की शत-प्रतिशत सुविधा है, जबकि पैदा हो रहे कुल कचरे के 67 हिस्से को संसाधित किया जा रहा है। वहीं, कचरा मुक्त शहरों के लिए स्टार रेटिग प्रोटोकॉल के तहत कुल 06 शहरों को 5 स्टार, 86 को 3 स्टार और 64 को 1 स्टार के रूप में प्रमाणित किया गया है।
यह
जानकारी विश्व शौचालय दिवस
के अवसर पर आवासन
और शहरी मंत्रालय की
तरफ से दी गई
है। इस दौरान सफाई
कर्मियों की सुरक्षा को
लेकर भी चिंतन किया
गया है। नई दिल्ली में आयोजित एक
कार्यक्रम के दौरान आवासन
और शहरी कार्य राज्य
मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिह पुरी
ने कहा कि भारत
सरकार यह सुनिश्चित करने
के लिए प्रतिबद्ध है
कि किसी भी व्यक्ति
को सीवर या सेप्टिक
टैंक में प्रवेश करने
की आवश्यकता न पड़े, जब
तक कि अधिक से
अधिक सार्वजनिक स्वच्छता के हित में
पूरी तरह से आवश्यक
नहीं हो। उन्होंने इस
दौरान एक वेबिनार में
सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज की
शुरुआत भी की। उन्होंने
कहा कि हम सफाई
मित्र सुरक्षा चैलेंज शुरू करके एक
और मील का पत्थर
स्थापित कर रहे हैं,
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना
है कि किसी भी
सीवर या सेप्टिक टैंक
की खतरनाक सफाई करने वाले
का जीवन कभी भी
खतरे में ना पड़े।
वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में
मुख्य सचिव, राज्य मिशन
निदेशक और अन्य वरिष्ठ
राज्य व केंद्र शासित
प्रदेश और शहर के
अधिकारियों ने सीवर और सेप्टिक
टैंक की सफाई के
संचालन के लिए 243 शहरों
की ओर से एक
साथ संकल्प लिया और अपनी
प्रतिबद्धता व्यक्त की कि खतरनाक
सफाई से किसी भी
व्यक्ति की मौत को
रोकने की दिशा में
काम किया जायेगा, इसको
लेकर गंभीरता से काम किया
जा रहा है। इस
वेबिनार में सामाजिक न्याय
मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता
विभाग तथा उद्योग और
आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने
के विभाग के सचिवों
ने भी भाग लिया,
जिन्होंने इस तरह की
सफाई प्रथाओं को मशीन से
करने में योगदान देने
के बारे में बात
की थी।
आवासन
एवं शहरी कार्य मंत्रालय में
सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने
कहा कि वर्तमान चुनौती के
तहत मशीनीकृत सफाई और कार्यबल
के क्षमता निर्माण के लिए बुनियादी
ढांचे के निर्माण के
साथ-साथ इस महत्वपूर्ण
मुद्दे पर नागरिकों के
बीच जागरूकता पैदा करने पर
केंद्रित होगी। इसके साथ
ही शिकायतों को दर्ज करने
और उन्हें निपटाने के अलावा सीवर
ओवरफ्लो की समस्या दूर
करने के लिए वास्तविक
समय आधारित समाधान प्रदान करने के लिए
एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत
की गई है। उन्होंने
बताया कि प्रतिभागी शहरों
का वास्तविक ऑन-ग्राउंड मूल्यांकन मई
2021 में एक स्वतंत्र एजेंसी द्बारा
किया जाएगा और उसके
परिणाम 15 अगस्त 2021 को घोषित किए
जाएंगे। शहरों को तीन
उप-श्रेणियों में सम्मानित किया
जाएगा। 10 लाख से अधिक
की आबादी के साथ,
3 से 10 लाख की आबादी
और 3 लाख तक की
आबादी वाले शहर। सभी
श्रेणियों में आने वाले
विजेता शहरों को मिलने
वाली कुल पुरस्कार राशि
52 करोड़ रुपये होगी।
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