कर्मचारियों के लिये कारगर साबित होगी आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना I Atam Bharat Employment Scheme will prove effective for employees


2020-23 तक खर्च किये जायेंगे 22 हजार 810 करोड़

रोजगार को बढ़ावा मिलने के साथ ही खुलेंगे रोजगार के नये अवसर

कोविड-19 के दौरान रोजगार से हाथ धोने वाले कर्मचारियों के लिये केंद्र सरकार द्बारा मंजूर किया गया आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 कई तरह के राहत प्रदान करेगा। इससे केवल कोविड रिकवरी फेज में औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, बल्कि नये रोजगार के अवसरों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।


बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 1,584 करोड़ रुपये की धनराशि और पूरी योजना अवधि 2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपये के व्यय को अनुमति दी है। जानकार केंद्र सरकार के इस प्रयास को सराहनीय मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस योजना के कई फायदे होंगे, जिसके तहत केंद्र 1 अक्टूबर, 2020 को या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक शामिल सभी नये कर्मचारियों को दो वर्ष की अवधि के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी। इसके अलावा जिन रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों में 1000 कर्मचारी हैं, वहां केंद्र सरकार दो वर्ष की अवधि के लिए 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान और 12 प्रतिशत नियोक्ता योगदान वेतन भत्तों का 24 प्रतिशत ईपीएफ में योगदान देगी। वहीं, जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में 1000 से अधिक कर्मचारी हैं, वहां केंद्र सरकार नये कर्मचारियों के संबंध में दो वर्ष की अवधि के लिए ईपीएफ में केवल 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान देगी। अधिकारियों के मुताबिक कोई कर्मचारी, जिसका मासिक वेतन 15 हजार रुपये से कम है और वह किसी ऐसे संस्थान में काम नहीं कर रहा था, जो 1 अक्टूबर, 2020 से पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से पंजीकृत था और उसके पास इस अवधि से पहले यूनिवर्सल एकाउंट नंबर या ईपीएफ सदस्य खाता नंबर नहीं था, वह इस योजना के लिए पात्र होगा।

वहीं, कोई भी ईपीएफ सदस्य, जिसके पास यूनिवर्सल एकाउंट नंबर है और उसका मासिक वेतन 15 हजार रुपये से कम है और यदि उसने कोविड महामारी के दौरान 1 मार्च से 30 सितंबर 2020 की अवधि में अपनी नौकरी छोड़ दी थी और उसे ईपीएफ के दायरे में आने वाले किसी रोजगार प्रदाता संस्थान में 30 सितंबर 2020 तक रोजगार नहीं मिला है, वह भी इस योजना का लाभभलेने के लिए पात्र है। सदस्यों के आधार संख्या से जुड़े खाते में ईपीएफओ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से इस योगदान का भुगतान करेगा।

ईपीएफओ विकसित करेगा सॉफ्टवेयर

इस योजना के लिए ईपीएफओ एक सॉफ्टवेयर को विकसित करेगा और एक पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रक्रिया भी अपनाई जायेगी। अधिकारियों ने यह भी बताया कि ईपीएफओ यह सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त तरीका अपनायेगा, जो यह होगा कि एबीआरवाई और ईपीएफओ द्बारा लागू की गई किसी अन्य योजना के लाभ आपस में परस्पर व्याप्त यानि ओवरलैपिग नहीं हुए हैं। 

 

 


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