अब डीटीएच संचालकों को 20 साल के लिए जारी होगा लाइसेंस I Now DTH operators will be issued license for 20 years
अभी तक इसके लिए थी
10 साल की अवधि
संशोधित प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी मिलने डीटीएच संचालकों को मिली राहत
अब डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) की सेवा प्रदान करने के लिए
10 साल में ही लाइसेंस हासिल करने का झंझट नहीं रहेगा। अब यह अवधि 10 के बजाय 20 साल होगी। दरअसल, केंद्रीय मंत्रीमंडल ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्र के इस फैसले बाद डीटीएच सेवा देने वाले संस्थानों को काफी राहत मिलेगी। यानि अब जो लाइसेंस 10 साल की अवधि के लिए जारी किया जाता था, वह अब 20 साल की अवधि के लिए जारी किया जाएगा।
दरअसल, लाइसेंस शुल्क को जीआर के
10 प्रतिशत से एजीआर के 8 प्रतिशत तक संशोधित किया गया है यानि अब जीआर से जीएसटी को घटाकर एजीआर की गणना की जाएगी। वहीं, लाइसेंस शुल्क वर्तमान में वार्षिक आधार के स्थान पर अब त्रिमासिक आधार पर इकट्ठा किया जाएगा और डीटीएच संचालकों को उनके द्बारा दिखाए जाने वाले कुल अनुमति प्राप्त प्लेटफॉर्म चैनलों की क्षमता से अधिकतम 5 प्रतिशत के संचालन को अनुमति दी जाएगी। एक डीटीएच संचालक से प्रति पीएस चैनल के लिए 10 हजार रुपये का नॉन-रिफडेबल पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। साथ ही, स्वैच्छिक आधार पर डीटीएच संचालकों के बीच बुनियादी ढांचे को साझा करने की इच्छा रखने वाले डीटीएच संचालकों को डीटीएच प्लेटफॉर्म और टीवी चैनलों की ट्रांसपोर्ट स्ट्रीम को साझा करने की अनुमति दी जाएगी। टीवी चैनलों के वितरकों को अपनी ग्राहक प्रबंधन प्रणाली (एसएमएस) और कंडीशनल एक्सेस सिस्टम (सीएएस) आवेदनों के लिए समान हार्डवेयर को साझा करने की अनुमति दी जाएगी।
मौजूदा डीटीएच दिशा-निर्देशों में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को समय-समय पर संशोधित एफडीआई के अनुसार सरकार की वर्तमान नीति के अनुरूप संरेखित किया जाएगा। संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्णय प्रभावी होगा और इसे सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्बारा जारी किया जाएगा। प्रस्तावित कटौती का अभिप्राय लाइसेंस शुल्क व्यवस्था को दूर संचार क्षेत्र के अनुकूल बनाना है। यह अंतर डीटीएच सेवा प्रदाताओं को विस्तारित अभियानों में और अधिक निवेश और इसके फलस्वरूप लाइसेंस शुल्क के नियमित भुगतान में उन्हें और सक्षम बना सकता है। प्लेटफॉर्म सेवाओं के लिए पंजीकरण शुल्क से करीब 12 लाख रुपये के राजस्व सृजन की संभावना है।
उधर, डीटीएच संचालकों के द्बारा बुनियादी ढांचे को साझा करने से दुर्लभ उपग्रह संसाधनों का उपयोग और कुशल तरीके से करते हुए ग्राहकों द्बारा अदा की जाने वाली शुल्क लागतों को कम किया जा सकता है। वर्तमान एफडीआई नीति को अंगीकृत करने से देश में अतिरिक्त विदेशी निवेश लाया जा सकेगा।
रोजगार प्रदान करने वाला बड़ा क्षेत्र है डीटीएच
डीटीएच अखिल भारतीय स्तर पर संचालित है और यह क्षेत्र एक अत्यधिक रोजगार प्रदान करने वालाा भी है। यह सीधे तौर पर डीटीएच संचालकों को रोजगार देने के साथ-साथ कॉल सेंटरों में कार्यरत कार्मिकों के अलावा जमीनी स्तर पर अप्रत्यक्ष रूप से काफी बड़ी संख्या में इन्सटॉलरों को रोजगार प्रदान करता है। सरकार के नए कदम से दीर्घकालीन लाइसेंस अवधि और नवीनीकरण पर स्पष्टता के साथ-साथ सरल एफडीआई सीमा जैसे संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देशों से स्थिरता की निष्पक्ष स्थिति और डीटीएच क्षेत्र में नए निवेशों के अलावा रोजगार अवसरों को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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