भारत ने ईरान की भेजी दो एमएचसी की पहली खेप | India sent Iran's first batch of two MHC
दोनों देशों के बीच हुआ है छह एमएचसी आपूर्ति का अनुबंध
ईरान के चाबहार बंदरगाह की माल चढ़ाने और उतारने की बढ़ेगी क्षमता
छह मोबाइल हार्बर क्रेन (एमएचसी) की आपूर्ति के लिए किये गये एक अनुबंध के तहत भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह को दो मोबाइल हार्बर क्रेन (एमएचसी) की पहली खेप भेज दी है। पतन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्बारा बताया गया है कि इटली के मारघेरा बंदरगाह से पहुंचे क्रेनों के इस खेप को सोमवार को ही चाबहार बंदरगाह पर सफलतापूर्वक उतार लिया गया है और अभी इन क्रेनों का परीक्षण चल रहा है। भारत के इस प्रयास से ईरान के चाबहार बंदरगाह की माल चढ़ाने और उतारने की क्षमता को काफी मजबूती मिलेगी।
केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडाविया के अनुसार चाबहार बंदरगाह एक रणनीतिक बंदरगाह हैै। उन्होंने बताया कि क्रेन सहित भारी उपकरणों की खेप की आपूर्ति, रणनीतिक महत्व की चाबहार बंदरगाह परियोजना, जो कि मध्य एशिया के बाजारों तक पहुंच प्रदान करेगा, के लिए भारत की प्रतिबद्घता को दर्शाता है। चाबहार बंदरगाह का विकास भारत और ईरान के बीच आर्थिक एवं आपसी संबंधों के विस्तार की दिशा में एक अहम कदम है और यह दोनों देशों के बीच होने वाले समुद्री व्यापार को और अधिक बढ़ावा देगा।
भभौगोलिक अवस्थिति की दृष्टि से चाबहार बंदरगाह का रणनीतिक महत्व इसीलिए भी है क्योंकि इसमें भारत, ईरान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान तथा अन्य सीआईएस देशों, विशेष रूप से पूर्वी सीआईएस देशों के साथ संपर्क प्रदान करने और उनके बीच व्यापार बढ़ाने की जबरदस्त क्षमता है और भारत द्बारा किए गए अनुबंध के तहत भेजी गई इस खेप से चाबहार के शहीद बेहेश्टी बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के विकास को मजबूती मिलेगी।
25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है अनुबंध
भारत और ईरान के बीच इस छह मोबाइल हार्बर क्रेन (एमएचसी) की आपूर्ति का कुल अनुबंध मूल्य लगभग 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 140
मीट्रिक टन भार उठाने की क्षमता से लैस मोबाइल हार्बर क्रेन (एमएचसी) जैसे बहुउद्देशीय उपकरण और सामान भारत पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) को चाबहार के शाहिद बेहेश्टी बंदरगाह में कंटेनर, बल्क और जनरल कार्गों की निर्बाध सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनायेंगे।
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