कोरोना महामारी में भी ग्रामोद्योग उत्पादों की हुई रिकॉर्ड बिक्री
भले ही, कोविड-19 महामारी से अधिकांश कारोबार धराशाही हुआ हो, लेकिन ग्रामोद्योग उत्पादों से जुड़ा कारोबार तेजी के साथ आगे बढ़ा है। साल
2020-21 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग यानि केवीआईसी ने अपना अब तक का सबसे अधिक कारोबार दर्ज किया है। आयोग के आकड़ों के अनुसार वर्ष
2020-21 में आयोग ने 95 हजार
741.74 करोड़ रुपये का सकल वार्षिक कारोबार दर्ज किया है, जबकि पिछले वर्ष यानि
2019-20 में 88 हजार 887 करोड़ रुपए के कारोबार किया। यानि इस साल करीब 7.71 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की है।
कोविड-19 की वजह से जब अधिकाां कारोबार प्रभावित हुआ है, ऐसे में साल
2020-21 में खादी आयोग का रिकॉर्ड प्रदर्शन काफी मायने रखता है, क्योंकि पिछले साल 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा के चलते उत्पादन गतिविधियां लगभग तीन महीने से अधिक समय तक के निलंबित रहीं थीं। इस अवधि के दौरान सभी खादी उत्पादन इकाइयाँ और बिक्री आउटलेट बंद रहे, जिससे उत्पादन और बिक्री बुरी तरह प्रभावित रही, लेकिन केंद्र सरकार द्बारा 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल का किए गए आह्वान की बदौलत खादी का कारोबार कम नहीं हुआ, बल्कि बढ़ता ही गया। इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी की भूमिका बेहद खास रहीं, क्योंकि उन्होंने अपने अनोखे मार्केटिंग आइडिया से केवीआईसी की उत्पाद श्रृंखला को और विविधता प्रदान की और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देते हुए खादी के क्रमिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के पिछले कुछ वष्रों के आकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष
2015-16 की तुलना में,
2020-21 में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्रों में कुल उत्पादन में 101
प्रतिशत की भारी वृद्घि दर्ज की गई है, जबकि इस अवधि के दौरान कुल बिक्री में
128.66 प्रतिशत की वृद्घि हुई है। खादी ई-पोर्टल, खादी मास्क, खादी फुटवियर, खादी प्राकृतिक पेंट और खादी हैंड सैनिटाइजर आदि का शुभारंभ नई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम यानि पीएमईजीपी इकाइयों की रिकॉर्ड संख्या की स्थापना, नए स्फूर्ति क्लस्टर, स्वदेशी' के लिए सरकार की पहल और खादी आयोग का अर्धसैनिक बलों के सामाग्री की आपूर्ति करने के ऐतिहासिक समझौते से महामारी के इस दौर में केवीआईसी के कारोबार में जमकर वृद्घि हुई।
ग्रामोद्योग ने
2019-20 में 65 हजार 393.40 करोड़ रुपए के खादी उत्पादन की तुलना में 2020-21 में 70 हजार 329.67 करोड़ रुपए का उत्पादन किया। इसी तरह से वित्त वर्ष 2020-21 में ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री 92 हजार 214.03 करोड़ रुपए की हुई, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 84 हजार 675.29 करोड़ का था। खादी क्षेत्र में उत्पादन और बिक्री में थोड़ी गिरावट जरूर आई, क्योंकि देशभर में कताई और बुनाई गतिविधियां महामारी के चलते बंद रहीं। खादी क्षेत्र में 2020-21 में कुल उत्पादन 1904.49 करोड़ रुपये का हुआ, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 2292.44 करोड़ रुपए का था। 2020-21 में कुल खादी बिक्री 3527.71 करोड़ रुपए की हुई और पिछले वर्ष में यह बिक्री 4211.26 करोड़ रुपए की थी।
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना के अनुसार महामारी के दौरान लोगों ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल' के आह्वान को पूरे जोश से पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान केवीआईसी का खास ध्यान कारीगरों और बेरोजगार युवाओं के लिए स्थायी रोजगार सृजित करना था। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट का सामना करते हुए, बड़ी संख्या में युवाओं ने पीएमईजीपी के तहत स्वरोजगार और विनिर्माण गतिविधियों को अपनाया, जिससे ग्रामोद्योग क्षेत्र में उत्पादन में वृद्घि हुई। साथ ही, स्वदेशी उत्पादों को खरीदने की प्रधानमंत्री की अपील के बाद खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में भी उल्लेखनीय वृद्घि हुई। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वष्रों में ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में और इजाफा होगा।
Post a Comment