कई मायनों में यादगार है भारतीय क्रिकेट टीम की यह जीत
टीम इंडिया के धुरंधुरों ने पांचवंे और अंतिम टेस्ट में भी इंग्लैंड को धूल चटा दी है। यानी भारत ने पांच मैचों की सीरीज के अंतिम मैच में इंग्लैंड को पारी और 75 रन के अंतर से हराया और सीरीज पर 4-० से कब्जा कर लिया। इस सीरीज के अंदर यह जीत कई मायनों में अहम है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत के गम में डूबे चेन्नई के लिए यह खुशी देने वाली जीत तो है ही, इसके अलावा युवा बल्लेबाज करुण नायर की ट्रिपल सेंचुरी, जिसने इस मैच को ही यादगार बना दिया है, क्योंकि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बिस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के बाद वह दूसरे ऐसे बल्लेबाज बन गये हैं, जिन्होंने टेस्ट मैच में 3०० से अधिक रन बनाए हैं।
यानी वह अब सहवाग के साथ 3०० के क्लब में शामिल हो गए हैं, इसके अलावा खास बात यह है कि वह अपने पहले ही शतक को ट्रिपल सेंचुरी में बदलने में कामयाब हो पाये हैं, यह कारनामा अभी तक कोई भी भारतीय बल्लेबाज नहीं कर पाया था। इससे ऐसा लगता है कि भारत में क्षमतावान खिलाड़ियों की कोई भी कमी नहीं है। खिलाड़ियों की नई जनरेशन भी ख्ोल के अनुरूप अपने को ढालने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। चाहे करुण नायर हों, या फिर लोकेश राहुल।
दोनों ही युवा खिलाड़ियों की बल्लेबाजी में एक गूढ़ता दिखी। जिस तरह से फटाफट क्रिकेट का चलन तेजी से बढ़ा है, उस दौर में पिच पर टिककर ख्ोलना व धैर्य तथा संयम के साथ रन बनाना अपने में बड़ी ही काबिलियत मानी जाएगी। कुछ दिनों पूर्व इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने पिच को लेकर जो सवाल उठाए थ्ो, भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन ने उनकी सोच भी धराशाही की है। अगर, गेंदबाजों के पक्ष में पिच थी तो ऐसे में अवश्य सवाल उठता है कि जब भारतीय बल्लेबाजों ने अनुकूल प्रदर्शन किया तो इंग्लिश बल्लेबाज पहली पारी की तरह ेध्ौर्य क्यों नहीं बरत पाए? जब उन्हें संयम की बड़ी दरकार थी। मौलिक बात तो यह रही कि भारतीय स्पिन गेंदबाजों ने इंग्लिश बल्लेबाजों को टिकने का कोई भी मौका नहीं दिया।
यहां जाडेजा की तारीफ करनी होगी, क्योंकि उन्होंने पांचवें टेस्ट को गेंदबाजी एंगेल से भारत के पक्ष में मोड़ दिया था, बल्लेबाजों द्बारा बड़ा टारगेट दिये जाने के बाद इंग्लिश टीम अवश्य सोच रही होगी कि कम-से-कम मैच को ड्रॉ करा दिया जाए, जिससे भारत की जीत 4-० के बजाय 3-० पर सिमट जाती, लेकिन जाडेजा ने फिरकी का वो जाल बुना, उसमें इंग्लिश बल्लेबाज पहले ही निपट लिए और वे दूसरी पारी में 2०7 रन पर ही ढेर हो गये। जाडेजा ने 25 ओवर में 48 रन देकर सात विकेट चटकाए।
भारतीय टीम इस सीरीज में भी अजेय बनी रही और 5 मैचों में से इंग्लैंड की टीम भारत से एक भी मैच नहीं जीत पाई। खुशी की बात यह है कि भारतीय टीम पिछले 18 टेस्ट मैचों से अजेय है। कोई भी टीम अब तक इंडिया को हरा नहीं पाई है। इस मैच के बाद कप्तान विराट कोहली टेस्ट मैचों में अजेय रहने के मामले में पूर्व कप्तान कपिल देव से आगे निकल गए हैं।
कपिल की कप्तानी में टीम इंडिया सितंबर 1985 से मार्च 1987 के बीच 17 टेस्ट मैच तक अजेय बनी रही। अब विराट कोहली की यह टीम 18 मैचों से अजेय है। इसके साथ ही टीम इंडिया टेस्ट रैंकिग में नंबर-वन पायदान पर काबिज है।
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