हाफिज सईद पर पाक का दांव महज दिखावा तो नहीं !


 इसे अमेरिकी नीतियों का परिणाम कहें या फिर भारत की अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जबदरस्त घ्ोराबंदी, पाकिस्तान ने हाफिज सईद को आंतकी मान लिया है और उसे आंतकवाद निरोधक कानून (एटीए) की सूची में डाल दिया है। पाक के इस कदम के कितने सार्थक परिणाम सामने आएंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि क्या वाकई पाकिस्तान इस आंतकी के खिलाफ सख्ती दिखाएगा या फिर महज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी नाक बचाने के लिए उसने यह कदम उठाया है। 
  यही चीज इस बात को साफ कर पाएगी कि वाकई पाकिस्तान अपने आंतकवादी माइंड से हटकर आंतकवाद के खिलाफ खड़ा होने की दिल से मंशा रखता है। फिलहाल, इस बात पर संतोष जताया जाना चाहिए कि कम-से-कम पाक ने यह कदम उठाया है, क्योंकि इस कदम के बाद से यह तो पूर्णतया स्पष्ट हो गया है कि हाफिज सईद का किसी न किसी आंतकवादी गतिविधि से जुड़ाव रहा है। और दूसरा, ऐसे लोगों को यात्रा प्रतिबंध और संपत्ति की जांच का सामना करना पड़ता है। लिहाजा, उम्मीद की जानी चाहिए कि सिस्टम के नेचर के अनुकूल पाक सरकार काम करेगी। हाफिज सईद पर नकेल कसेगी, जिससे उसके मंसूबे किसी और मासूम की जान न लेने पाए। मुबंई हमले का मास्टर माइंड हमेशा ही भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है। भारत पाकिस्तान को कई बार सबूत भी दे चुका है और उसे अंतरराष्ट्रीय आंतकवादी घोषित किए जाने को लेकर भारत ने एक तरह से मुहिम छेड़ी हुई है, लेकिन पाक से दोस्ती रखने वाला चीन भारत के इस प्रयास पर हमेशा ही टांग अड़ाता रहा है। अभी हाल ही में उसने बयान भी दिया कि उसे हाफिज सईद को अंतरराष्ट्रीय आंतकवादी मानने के लिए पक्के सबूत चाहिए। चीन की तरफ से यह बयान तब आया था, जब अगले कुछ दिनों में भारत और चीन के बीच आपसी सामंजस्य बनाए रखने के लिए बातचीत होनी है। इस बीच पाकिस्तान द्बारा हाफिज सईद को एटीए की सूची में डालकर भारत के हाथ अवश्य सफलता लगी है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि हाफिज सईद को अंतरराष्ट्रीय आंतकवादी घोषित करने में भी भारत को निश्चित तौर पर सफलता हाथ लगेगी।
  यहां पर इस बात का जिक्र बहुत ही जरूरी है कि भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घ्ोराबंदी के अलावा अमेरिकी नीति ने भी पाकिस्तान के नाक में दम करके रखा हुआ था। लिहाजा, पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी नाक को बचाना बेहद मुश्किल हो रहा था। पाक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग भी पड़ रहा है। जहां तक चीन का सवाल है, उसे भी पाकिस्तान द्बारा उठाए गए इस कदम से निश्चिततौर पर झटका लगा होगा क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाक की नाक बचाने का हर संभव प्रयास करता रहा है। ऐसे में यह भारत के पक्ष में इसीलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमेरिका और चीज के बीच तनातनी चली है। परिणामत: अमेरिका का भारत के प्रति सॉफ्ट कार्नर बना रहेगा। 
  और यही चीज चीन पर दवाब डालने में भारत के काम आएगी। यहां इस बात की जरूरत भी रहेगी कि भारत पाक सरकार द्बारा हाफिज सईद के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाईयों पर भी नजर रख्ों। ऐसा न हो कि पाक ने हाफिज को एटीए की सूची में डाल दिया है और वह एटीए के नियमों का खुलेआम उल्लंघन करे और पाक सरकार हाथ-पर-हाथ धरे रहे। इसे किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। 




No comments