राज्य व केंद्र शासित प्रदेश उधारी की रकम से दूर करेंगे राजस्व की कमी
- जीएसटी कार्यान्वयन
के कारण राजस्व में
आयी है गिरावट
- केंद्र सरकार
की उधारी योजना का
लाभ लेने की कतार
में सभी राज्य
- कल
जारी की जायेगी 6 हजार
करोड़ की रकम
केंद्र सरकार जीएसटी कार्यान्वयन के मद्देनजर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को 6 हजार करोड़ रुपये की अगली किस्त 7 दिसंबर 2020 यानि कल जारी कर देगी। इससे जीएसटी कार्यान्वयन के चलते राजस्व में आयी कमी को पूरा करने में मदद मिल पायेगी। केंद्र सरकार विशेष योजना के तहत अब तक जुटाई गयी रकम में से राज्यों व केंद्र प्रदेशों को 30 हजार करोड़ रूपये जारी कर चुकी है, इसमें कल 6 हजार करोड़ रूपये और जुड़ जायेंगे।
बता
दें कि जीएसटी कार्यान्वयन के
चलते राजस्व में आयी कमी
को पूरा करने के
लिये लगभग सभी राज्य
विकल्प-एक का चुनाव
कर रहे हैं। दरअसल,
विकल्प-एक की शर्तों
के अनुसार, जीएसटी कार्यान्वयन के कारण पैदा
होने वाली राजस्व में
कमी को पूरा करने
के लिए एक विशेष
उधारी योजना की सुविधा
के अलावा 17 मई 2020 को राज्यों को
केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर
अभियान के तहत अतिरिक्त
2 प्रतिशत उधारी लेने की
अनुमति दी गयी है।
लिहाजा, राज्य व केंद्र
शासित प्रदेा इस योजना का
फायदा उठाना चाहते हैं।
इसीलिये वे विकल्प-एक
का चुनाव करने में
बिल्कुल भी नहीं हिचकिचा
रहे हैं। इसमें सभी
28 राज्यों और विधानसभा वाले
3 केंद्र शासित प्रदेश मुख्य
रूप से शामिल हैं।
इसमें जो, एकमात्र शेष
राज्य झारखंड बचा हुआ था,
उसने भी अब विकल्प-एक के लिए
अपनी स्वीकृति दे दी है।
23 अक्टूबर को प्रभावी हुई थी योजना
राज्य
व केंद्राासित प्रदेश तमाम कोशीशों के
बाद भी राजस्व की
पूर्ति नहीं कर पा
रहे हैं। केंद्र सरकार
इस पर नजर बनाये
हुयी थी, इसीलिये उसने
राज्यों और केंद्र शासित
प्रदेशों के लिए एक
विशेष उधारी योजना शुरू
की है, जिसका चुनाव
करने में न तो
राज्य पीछे हट रहे
हैं और न ही
केंद्र शासित प्रदेश। यह
योजना 23 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी है,
इतने कम अंतराल में
ही सभी राज्य उधारी
लेने की होड़ में
शामिल हो गये हैं।
केंद्र सरकार राज्यों की
ओर से पांच किस्तों
में 30,000 करोड़ रुपये पहले
ही जुटाकर उन राज्यों और
केंद्र शासित प्रदेशों को
दे भी चुकी है,
जिन्होंने विकल्प-एक का चुनाव
किया है। अब झारखंड
राज्य को भी अगले
दौर से इस योजना
के तहत जुटाई गई
रकम में से उधारी
मिलनी शुरू हो जाएगी।
0.50 प्रतिशत रकम
बिना शर्त लेने के
हकदार हैं राज्य
जानकारों के
अनुसार राज्य अंतिम किस्त
के तौर पर अपने
सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के
0.50 प्रतिशत रकम बिना शर्त
उधार लेने के भी
हकदार हैं। यह 1.1 लाख
करोड़ रुपये की विशेष
योजना के अतिरिक्त है।
उन्होंने बताया कि विकल्प-एक चुनने की
सूचना मिलने के बाद
केंद्र सरकार ने झारखंड
राज्य सरकार को 1,765 करोड़
रुपये (झारखंड के जीएसडीपी का
0.50 प्रतिशत) की अतिरिक्त उधारी
आवंटित की है।
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